राह चलते किसी को भी बेइज्जत करने और मारपीट करने जैसी हरकतें सिपाही-दरोगा पहले भी करते रहे हैं। लेकिन, ऐसा कम होता रहा है कि कोईआइएएस अफसर तैश में आकर सड़क-छाप मारपीट और डांट फटकार करने लगे। जो भी हो। अब तो ऐसा हो रहा है। और खूब हो रहा है। क्या यह भी कोरोना काल की थकान और स्ट्रेस का नतीजा है?

आपको त्रिपुरा के एक डीएम का वाकया याद होगा। छत्तीसगढ़ के एक डीएम की बदतमीजी तो बिलकुल ताजी है। अभी कुछ दिन पहले गोरखपुर के जिलाधिकारी का भी एक ऑडियो वाइरल हुआ था, जिसमें वे बेड मांग रहे एक तीमारदार को बुरी तरह फटकार रहे हैं। गोरखपुर के वही जिलाधिकारी, के विजयेंद्र पाण्डियन रविवार को नगर निगम के कार्यक्रम में अभूतपूर्व दुखद हालात को याद करके द्रवित हो रहे थे।गोरखपुर क्लाब में नगर निगम के कर्मचारियों के सामने उस मंजर का बयान कर रहे थे जिसमे एक बेड के लिए सौ-सौ बीमार लाइन पर थे। और, वह एक बेड भीखाली तभी होना था जब किसी की मौत हो जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि दूसरी लहर में हमने प्रयास किए हैं। थोड़ा नियंत्रण भी हुआ है। यह कोविड का दूसरा साल है। यह बीमारी जल्दी नहीं जाने वाली। आगे भी कुछ साल रह सकती है। तीसरी लहर कितनी तेज होगी, हम कुछ नहीं कह सकते। हमको आगे से पूरी जिम्मेदारी से काम करना होगा। उन्होंने अफसोस जताया कि हम अब जिम्मेदारियां भूलने लगे हैं। ऐसे कब तक शव गिनेंगे। शायद ऐसा कोई आदमी नहिं जिसका कोई न कोई इस रोग से प्रभावित न हुआ हो।

उल्लेखनीय है कि पाण्डियन खुद भी कोविड से ग्रसित हो गए थे। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए मास्क आदि पहनने के उपायों पर सख्ती से अमल करने के लिए कहा। बोले, यह कोरोना वाइरस इतना खतरनाक है कि खुद को फैलाने मानव शरीर का ही इस्तेमाल करता है। तीसरी लहर कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी, यह अभी पक्की तौर पर नहीं कहा जा सकता। अंदेशा जताया जा रहा है कि यह लहर बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है।

जिलाधिकारी ने कहा कि इसीलिए हम आने वाले समय के लिए अभी से तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में पांच हजार बेड बनाए जा रहे हैं। इस तरह इंतजाम किया जा रहा है कि हर पांच किमी पर पचास बेड उपलब्ध हों। गोरखपुर की आबादी 55-60 लाख के बीच है। जिले में दोनों लहरों को मिलाकर लगभग साठ हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं। फिलहाल, संक्रमण घट गए हैं। यह अच्छी बात है। लेकिन अब भी दो सौ के लगभग नए केस रोजाना आ रहे हैं। हमें चौकस रहना होगा।