एक जुलाई से पूरे देश में ‘एकल उपयोग’ की प्लास्टिक से बनी सभी वस्तुओं के इस्तेमाल और उत्पादन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में उन व्यवसायों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है जो अब तक प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास और चम्मचों का उपयोग करते थे। इतना ही नहीं शादियों, पार्टियों आदि में भी प्लास्टिक के इन बर्तनों का इस्तेमाल होता आया है। ये लोग अब इसके विकल्प की तलाश में हैं और कागज से बने विभिन्न बर्तन इसका सबसे बेहतर व सस्ता विकल्प है।
भारी मांग और आपूर्ति की कमी के कारण, अपना खुद का पेपर प्लेट बनाने का व्यवसाय शुरू करने का यह सबसे अच्छा समय हो सकता है। एक बार जब आप इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए तैयार हो जाते हैं तो इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आपके पास सही निवेश और व्यावसायिक योजनाएं होनी चाहिए।
इस व्यापार का अधिकतर काम मशीनों पर निर्भर करता है। प्लेट, कप, गिलास, चम्मच आदि बनाने की मशीन भारत के किसी भी राज्य में मिल जाएगी। शुरुआत में छोटी मशीन का ही उपयोग करना चाहिए। व्यापार का स्तर बढ़ाने के बाद मशीन अपने काम के अनुसार बड़ी ली जा सकती है। हाथ से चलने वाली छोटी मशीन की कीमत 25,000 रुपए तक होती है। इसके बाद कार्यक्षमता के आधार पर मशीनों की कीमत बढ़ती जाती है। पर प्लेट बनाने का कार्य अधिक जटिल नहीं है।
एक विशेष डाई की मदद से विभिन्न आकृतियों, आकारों और डिजाइनों की प्लेट बना सकते हैं। उचित आकार के लिए कागज को पहले ही काट दिया जाता है। कई बार बाजार में कागज कटे हुए ही मिल जाते हैं। पैकेजिंग के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एक पैकेट में कितनी प्लेट देने हैं। इसके लिए प्लेट के पैकेट बना सकते हैं। इससे आपको उसकी कीमत का निर्धारण करने में आसानी होगी। इसके बाद आप कागज से बने अपने सामान की मार्केटिंग के लिए तैयार रहें। इसके लिए आपके पास दो विकल्प होंगे। एक तो आप सीधे ग्राहकों को अपना माल बेचें और दूसरा माल को बेचने के लिए किसी का सहारा लें।
प्रस्तुति : सुशील राघव