दिल्ली सरकार की कुर्सी संभालते ही मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने इस क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए मिनिमम वेज यानी कि न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक अनस्किल्ड कर्मचारियों के लिए 18,066, सेमी-स्किल्ड कर्मचारियों के लिए 19,929 और स्किल्ड कर्मचारियों के लिए मिनिमम वेज 21,917 रुपये निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शहरी मजदूरों के लिए देश में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी लागू की है।
अतिशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी गरीब विरोधी है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बीजेपी शासित राज्यों में न्यूनतम मजदूरी शायद दिल्ली में दी जाने वाली मजदूरी का आधा है। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने न केवल अदालत के जरिए मिनिमम वेज को लागू किया है बल्कि बीजेपी के इसमें अड़ंगा लगाने के बाद भी साल में दो बार इसका संशोधन सुनिश्चित किया है।
केजरीवाल ने दिया था इस्तीफा
बताना होगा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक में आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया।
दिल्ली में जनवरी-फरवरी, 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन आम आदमी पार्टी की मांग है कि यहां पर महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही चुनाव करा दिए जाएं। महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव नवंबर में होने हैं।
महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये
दिल्ली में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में यह माना जा रहा है कि आतिशी सरकार जनता के लिए कई बड़ी योजनाओं का ऐलान कर सकती है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को 1000 रुपए प्रति महीने दिए जाएंगे। दिल्ली सरकार इस संबंध में जरूरी तैयारियां कर रही है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि इस योजना को लाने का उद्देश्य महिलाओं की भलाई और उनका सशक्तिकरण करना है। इसके लिए साल 2024-25 में 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट रखा गया है। दिल्ली में 18 साल से ऊपर की महिलाओं की संख्या 67.3 लाख है।
इसके अलावा दिल्ली सरकार मोहल्ला बस योजना को भी जुलाई में लागू कर चुकी है। इसके जरिए 9 मीटर की छोटी बसें सड़क पर उतारी गई हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक इस योजना का मकसद भीड़भाड़ और कम चौड़ी सड़कों वाले इलाकों में लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी देना है।
पिछले दो चुनावों में मिली बड़ी जीत
विधानसभा चुनाव में दिल्ली में इस बार फिर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होगा। कांग्रेस भी खुद को जिंदा करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। आम आदमी पार्टी ने 2015 और 2020 में दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह हराया था। जबकि बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर सभी बड़े नेताओं ने प्रचार किया था। 70 सदस्यों वाली दिल्ली की विधानसभा में आप को क्रमश: 67 और 62 सीटों पर जीत मिली थी।
तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली का चुनाव उनकी अग्निपरीक्षा है। उन्होंने कहा है कि अगर वह ईमानदार हैं तो दिल्ली की जनता उनको वोट दे, वरना वोट नहीं दे।
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था लेकिन यह गठबंधन एक भी सीट नहीं जीत सका था और सभी सातों सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी।
