Goa Floor Test Updates: गोवा के नवनियुक्त सीएम प्रमोद सावंत ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। सावंत को 20 विधायकों का समर्थन मिला। बहुमत साबित करने के साथ ही गोवा में भाजपा सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बादल हट गए हैं। सीएम प्रमोद सावंत ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा था कि बहुमत उनके साथ है और वह आसानी से बहुमत साबित कर देंगे। गोवा में मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद प्रमोद सावंत को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस का दावा था कि सरकार के पास जरुरी विधायकों का समर्थन नहीं है। वहीं नवनियुक्त सीएम प्रमोद सावंत का दावा था कि 21 विधायक उनके साथ हैं। ऐसे में सभी की निगाहें फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) पर टिक गई थी। 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में विधायकों की संख्या इस वक्त 36 है।
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पार्टी की लंबी बैठक के बाद प्रमोद सावंत को गोवा का नया सीएम बनाने पर सहमति बनी। इसके बाद 18-19 मार्च की देर रात उन्हें राजभवन में सीएम पद की शपथ दिलायी गई। बता दें कि गोवा में भाजपा ने साल 2017 में महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के समर्थन से सरकार बनायी थी। दोनों ही पार्टियों ने भाजपा को मनोहर पर्रिकर के कारण समर्थन दिया था। अब पर्रिकर के निधन के बाद दोनों ही पार्टियों ने सरकार को समर्थन देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दोनों पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की, जिसके बाद दोनों सहयोगी पार्टियों ने सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला किया है। इसके लिए महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के चीफ सुदीन धाविलकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के चीफ विजय सरदेसाई को उप-मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया गया है।
प्रमोद सावंत को जिन विधायकों ने समर्थन दिया, उनमें 11 भाजपा के, 3 महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी, 3 गोवा फॉरवर्ड पार्टी और 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया। वहीं 15 विधायकों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया। इनमें 14 विधायक कांग्रेस के और 1 विधायक एनसीपी के शामिल हैं।
गोवा के नए सीएम प्रमोद सावंत ने बुधवार को विधानसभा के विशेष सत्र में बहुमत साबित कर दिया है। 20 विधायकों ने प्रमोद सावंत को समर्थन दिया।
गोवा विधानसभा में 40 सीटें हैं, जिनमें से 4 सीटें फिलहाल खाली चल रही हैं। दरअसल मनोहर पर्रिकर समेत दो भाजपा विधायकों के निधन और 2 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद से गोवा विधानसभा में 36 विधायक हैं।
गोवा विधानसभा का विशेष सत्र शुरु हो गया है। गोवा के नवनियुक्त सीएम प्रमोद सावंत आज विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। सीएम प्रमोद सावंत ने विधानसभा में कहा है कि बहुमत उनके पास है और वह आसानी से इसे साबित कर देंगे।
मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद भाजपा की सहयोगी पार्टियों एमजीपी और जीएफपी ने सीएम पद पर अपना-अपना दावा ठोक दिया था। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के नेता विजय सरदेसाई ने तो निर्दलीय विधायकों को साथ मिलाकर सीएम पद पर दावा कर दिया था। हालांकि बाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद दोनों नेता उप-मुख्यमंत्री पद पर राजी हो गए।
प्रमोद सावंत विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं और जब पर्रिकर के निधन के बाद नया सीएम चुनने की बारी आयी तो प्रमोद सावंत को अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ा था। सावंत पेशे से एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं और मनोहर पर्रिकर के करीबी माने जाते हैं।
मनोहर पर्रिकर गोवा में भाजपा के ऐसा नेता थे, जिनकी राज्य के सभी वर्गों और राजनैतिक पार्टियों में स्वीकार्यता थी। पर्रिकर के निधन के बाद अब भाजपा में ऐसा कोई दूसरा नेता नहीं है, जिसका पर्रिकर जैसा करिश्मा हो। यही वजह है कि मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पार्टी नेतृत्व को विधायकों को मनाने के लिए 30 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। सहयोगी पार्टियों को उप-मुख्यमंत्री का पद देने के बाद ही प्रमोद सावंत के नाम पर सहमति बन सकी। इसके बाद सोमवार-मंगलवार की रात करीब 1.50 बजे राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने प्रमोद सावंत को सीएम, सुदिन धवलीकर और विजय सरदेसाई को डिप्टी सीएम और 9 मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलायी।
गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं। वहीं मौजूदा वक्त में गोवा विधानसभा में 36 विधायक हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 19 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा के सीएम प्रमोद सावंत का दावा है कि उन्हें 21 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। साल 2017 में हुए चुनावों में भाजपा को 13 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस 17 सीटों पर विजयी रही थी। महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी को 3 और गोवा फॉरवर्ड पार्टी को भी 3 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा ने कम सीटें मिलने के बावजूद एमजीपी और जीएफपी पार्टियों और कुछ निर्दलियों के समर्थन से गोवा में सरकार बनायी और मनोहर पर्रिकर को सीएम बनाया गया। अब उनके निधन के बाद एक बार फिर भाजपा सरकार पर बहुमत साबित करने का दबाव आ गया है, क्योंकि कांग्रेस ने सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया है।