गोवा कांग्रेस ने पार्टी के अल्पसंख्यक कमेटी के अध्यक्ष उरफान मुल्ला को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड कर दिया है। दरअसल उरफान मुल्ला ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पार्टी में संगठन, दिशा औऱ नेतृत्व की कमी है। उन्होंने कहा था कि गोवा में पार्टी के पुराने नेता निर्णय लेने में बुरी तरह विफल रहे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उरफान मुल्ला ने इससे पहले रविवार को अपने पद से इस्तीफा दिया था औऱ यह भी कहा था कि पार्टी अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान नहीं देती है।
उरफान मुल्ला ने अपना त्याग-पत्र सोनिया गांधी और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष Girish Chodankar को भेजा था। इस त्याग-पत्र में उन्होंने लिखा था कि ‘मैं इस तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि मैं पार्टी की कार्यशैली से खुश नहीं हूं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच एकता नहीं है वो सिर्फ अपने निजी फायदे के लिए लड़ते रहते हैं। कोई भी पार्टी या फिर अल्पसंख्यकों के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है…हम सिर्फ टिशू पेपर और वोट बैक की तरह इस्तेमाल किया जाता है।’
उरफान मुल्ला ने आगे लिखा था कि ‘कांग्रेस संगठन, दिशा और सोच तथा सबसे जरुरी नेतृत्व क्षमता की कमी से गुजर रही है। पार्टी के Old Guard जरुरी फैसले लेने में पूरी तरह असफल रहे।’
अपने त्याग-पत्र में मुल्ला ने इस बात का भी जिक्र किया कि Old Guard कई बार जरुरी समय पर नाकाम हुए पर युवा और योग्य नेताओं को कभी मौका नहीं दिया गया।
उरफान मुल्ला को सस्पेंड करते हुए पार्टी की तरफ से कहा गया है कि 15 नवंबर को आपके द्वारा प्रेस में दिया गया बयान अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। आपने कांग्रेस पार्टी तथा नेतृत्व की कार्यक्षमता पर सवाल उठाया है। आपने पार्टी के खिलाफ यह काम किया है। गलत बयान की वजह से पार्टी की छवि खराब हुई है।
पार्टी के खिलाफ गतिविधि के आरोप में आपको 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तुरंत सस्पेंड किया जाता है।