साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक किरण नागरकर ने दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने और अहिष्णुता की अन्य घटनाओं के खिलाफ शनिवार को आवाज उठाई लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दोषी ठहराया। व्यंग्यात्मक लहजे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री को सोनिया गांधी को भारत रत्न देना चाहिए क्योंकि उनकी मदद के बिना ये लोग (भाजपा) सत्ता में आने में सक्षम नहीं होते।’’
नागरकर ने अपने बयान में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी नहीं बख्शा। नागरकर को उनकी पुस्तक ‘‘कुकओल्ड’’ (1997) के लिए 2001 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। एक मराठी टीवी चैनल से बातचीत में 73 वर्षीय लेखक ने कहा, ‘‘एक हमारे राहुल बाबा हैं। उनके बारे में कुछ नहीं कहना ही बेहतर है।’’
नागरकर अपनी पुस्तक रावण और एड्डी त्रयी के लिए जाने जाते हैं। नागरकर ने कहा, ‘‘दादरी की घटना भयानक थी। उसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध होना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम थोड़ी देर से जागे हैं।’’
जाने-माने उपन्यासकार, नाट्यकार, फिल्म एवं ड्रामा आलोचक ने कहा, ‘‘आप एक व्यक्ति की हत्या करते हैं, उसके बेटे को घायल करते हैं और दो से तीन सप्ताह बाद आप कहते हैं, हां, जो हुआ वह सही नहीं था।’’
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठती थी। नागरकर ने कहा, ‘‘यद्यपि कानून एवं व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है लेकिन तथ्य है कि मोदी प्रधानमंत्री हैं। क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। मोदी ने तब प्रतिक्रिया व्यक्त की जब वह दादरी को लेकर घिर गए लेकिन क्या उसमें दर्द की कोई भावना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग हिंदू धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं उन्हें हमारे देश और हिंदू धर्म की महानता के बारे में कोई समझ नहीं है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाएंगे तो नागरकर ने कहा, ‘‘मैंने अकादमी को लिखा था और बाद में प्रतीक्षा करने का फैसला किया। इस बीच, अकादमी ने एक स्पष्टीकरण प्रकाशित किया। अगर (पुरस्कार लौटाने की) बारी आती है तो मैं पुरस्कार का एक भी पैसा नहीं लौटाऊंगा। मैं यौनकर्मियों के बच्चों की शिक्षा पर वह धन खर्च करूंगा।’’
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