पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि जब उन्हें यह खबर मिली तो परिवार बहुत परेशान हो गया। इस हमले में अपने पिता और भाई को खोने वाले सावन परमार ने इस मैच पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब एक बेकार सा लगने लगा है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सावन परमार ने कहा, “जब हमें पता चला कि भारत-पाकिस्तान मैच आयोजित किया जा रहा है, तो हम बहुत परेशान हो गए। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रहना चाहिए। अगर आप मैच खेलना चाहते हैं, तो मेरे 16 साल के भाई को वापस ले आइए, जिसे इतनी गोलियां लगी थीं। ऑपरेशन सिंदूर अब बेकार लगता है।”

यह मैच नहीं होना चाहिए- किरण परमार

उनकी मां किरण यतीश परमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि अगर ऑपरेशन सिंदूर अभी तक पूरा नहीं हुआ है तो यह मैच क्यों कराया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित परिवारों के घाव अभी तक भरे नहीं हैं। उन्होंने एएनआई से कहा, “यह मैच नहीं होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहती हूं कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है तो फिर भारत बनाम पाकिस्तान मैच क्यों हो रहा है? मैं देश के हर व्यक्ति से कहना चाहती हूं कि वे उन परिवारों से मिलें जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में अपने प्रियजनों को खोया है और देखें कि वे कितने दुखी हैं। हमारे घाव अभी भरे नहीं हैं।”

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हमें पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करना चाहिए- ऐशान्या द्विवेदी

इससे पहले शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने भी भारत-पाकिस्तान मैच की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, “बीसीसीआई को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच स्वीकार नहीं करना चाहिए था। मुझे लगता है कि बीसीसीआई उन 26 परिवारों के प्रति भावुक नहीं है। हमारे क्रिकेटर क्या कर रहे हैं? क्रिकेटरों को राष्ट्रवादी कहा जाता है। इसे हमारा राष्ट्रीय खेल माना जाता है। 1-2 क्रिकेट खिलाड़ियों को छोड़कर, किसी ने आगे आकर यह नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करना चाहिए। बीसीसीआई उन्हें बंदूक की नोक पर खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। उन्हें अपने देश के लिए खड़ा होना चाहिए। लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं।”