मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने मंगलवार (19 फरवरी) को नसीरुद्दीन शाह तथा कमल हासन पर हमला करते हुए उन्हें गजवा ए हिंद का एजेंट बताया। गिरिराज सिंह का यह बयान उस समय आया है जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान विरोधी भावनाएं जोर पकड़ने लगी है। बिहार के नवादा संसदीय क्षेत्र से सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, “पाकिस्तान में गजवा-ए-हिंद के बारे में चर्चा होती है। इसका मतलब है भारत का इस्लामीकरण। पुलवामा हमले के बाद यह बात तेजी से होने लगी है। नसीरुद्दीन शाह और कमल हासन जैसे लोग वैसे लोगों के एजेंट हो गए हैं, जो गजवा-ए-हिंद की चर्चा करते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, “कमल हसन, नसीरूद्दीन शाह, सिद्धू और इन्टॉलरेंस ग्रुप पाकिस्तानी साजिश गजवा ए हिंद(हिन्दुस्तान का इस्लामीकरण) साजिश के लश्कर है। ऐसे लोग कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करते है जबकि हिन्दुस्तान गजवा ए हिन्द को विफल करने और 370 और 35A खत्म करने की मांग कर रहा।”
कमल हसन ,नसीरूद्दीन शाह,सिद्धू और इन्टॉलरेंस ग्रुप पाकिस्तानी साज़िश गजवा ए हिंद(हिन्दुस्तान का इस्लामीकरण)साज़िश के लश्कर है।
ऐसे लोग कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करते है जबकि हिन्दुस्तान गज़वा ए हिन्द को विफल करने और 370 और 35A खत्म करने की मांग कर रहा । pic.twitter.com/SZQLfpaGGD— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 19, 2019
दरअसल, नसीरुद्दीन शाह और हासन ने पिछले समय मॉब लिंचिंग और हिंदू आतंकवाद को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणी की, जिसपर विवाद बढ़ गया। दोनों को आखिरकार सफाई देनी पड़ी। मक्कल निधि मय्यम के प्रमुख कमल हासन ने पुलवामा हमले के बाद कहा था कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए जनमतसंग्रह एक विकल्प हो सकता था। उन्होंने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए तत्काल सर्जिकल हमले की मांग पर असहमति जताई थी। हासन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ बताया था।
उन्होंने कहा था, “आजाद कश्मीर में जिहादियों की तस्वीर को ट्रेनों में लगा उन्हें हीरो की तरह दिखाया जाता है। यह मूखर्तापूर्ण कदम है। यदि हमें यह साबित करना है कि भारत उनसे बेहतर है तो उनकी तरह बर्ताव नहीं करना होगा।” हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि ‘आजाद कश्मीर’ शब्द मीडिया के एक सेक्शन से लिया था। बता दें कि बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।