बेलगाम बयानबाजी की आदत से मजबूर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोनिया गांधी पर नस्ली टिप्पणी करके एक नया विवाद छेड़ दिया है। इस पर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष और नारीवादी संगठनों ने घोर एतराज जताया है और उन्हें सरकार से निकालने की मांग की है।
इस विवाद की आंच नाइजीरियाई उच्चायोग तक भी पहुंची है। दिल्ली में नाइजीरिया के कार्यवाहक उच्चायुक्त ओबी ओकानगोर ने बुधवार को कहा कि इस बाबत भारतीय विदेश मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज कराई जाएगी क्योंकि सिंह की टिप्पणी ‘बहुत अशोभनीय’ है। असल में मंत्री ने अपने बयान में अश्वेत नाइजीरियाई महिला का हवाला लेकर सोनिया पर टिप्पणी की थी।
हाजीपुर में मंगलवार को गिरिराज ने एक बैठक में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि ‘अगर राजीव गांधी ने एक नाइजीरियाई औरत से विवाह किया होता और वह गोरी चमड़ी वाली महिला नहीं होती तो क्या कांगे्रस उनके नेतृत्व को स्वीकार करती।’ मंत्री के इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान की टिप्पणियों से भी विवाद खड़े हो चुके हैं जिनमें उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले लोग पाकिस्तान जा सकते हैं।
सोनिया के अलावा उन्होंने राहुल गांधी की अनुपस्थिति का मजाक उड़ाते हुए इसे ‘लापता मलेशियाई एअरलाइंस के विमान’ से जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति मलेशियाई एअरलाइन के लापता विमान की तरह है जिसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। उसी तरह से कांग्रेस नेता बजट सत्र के दौरान मौजूद नहीं थे। कांग्रेस में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। यह कांग्रेस के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और देश के लिए मजाक है।
इस बीच कांग्रेस व विभिन्न महिला नेताओं ने सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे उनके नस्ली सोच और महिलाओं के प्रति रवैये के बारे में पता चला है। ताजा विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछने पर सिंह ने दिल्ली में यहां मीडिया से शुरू में बातचीत करने से इनकार दिया।
बाद में इस विवाद के बढ़ने पर उन्होंने इसके लिए खेद जताया। उन्होंने कहा, यदि सोनियाजी और राहुलजी मेरी टिप्पणी से आहत हुए हैं तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि उनकी यह टिप्पणी ‘आफ दि रिकार्ड ’ थी। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि मीडिया इसे बेवजह तूल दे रहा है।
लेकिन नाराज कांग्रेस की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसे मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पागलपन की सीमा तक जाकर की गई अनर्गल व अप्रिय टिप्पणी की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है। लगता है कि प्रधानमंत्री को खुश करने की उनकी लगातार इच्छा ने उनका संतुलन बिगाड़ दिया है।
ऐसी टिप्पणियों से लगता है कि भाजपा और उसके कैडर में नैतिकता का अभाव है। लगता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ऐसे बयान देने के लिए ही अपनी कैबिनेट में रखा है। कांग्र्रेस के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी को देखना चाहिए कि उनकी सरकार में किस तरह के तत्त्व और विचित्र प्राणी हैं।
लोकसभा में कांगे्रस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सिंह की टिप्पणी शर्मनाक है। ‘मोदीजी ने इस तरह के लोगों को अपनी सरकार में रखा है।’ माकपा की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में कैसे इस तरह के सबसे खराब बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, इस तरह के नेता हैं, भले ही वे गोवा के मुख्यमंत्री हों या गिरिराज सिंह, जिन्हें नरेंद्र मोदी ने प्रशिक्षित किया और प्रोत्साहन दिया।
भाजपा नेता किरण बेदी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से मोदी के विकास का एजंडा भटकता है। उन्होंने कहा, मैं आश्वस्त हूं कि यह प्रधानमंत्री के लिए एक चिंता का विषय है। वह इससे कैसे निबटते हैं, यह उन पर छोड़ दिया जाना चाहिए। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि यह टिप्पणी अत्यंत नारी द्वेषी और पितृसत्तात्मक है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि मंत्री द्वारा सोनिया गांधी के बारे में की गई टिप्पणी कड़ी भर्त्सना के योग्य है। इससे लोगों के विचार पता चलते हैं।
ऐसी टिप्पणी पहली बार नहीं की गई है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि सिंह के साथ भी उसी तरह व्यवहार किया जाना चाहिए जिस प्रकार जद (एकी) नेता शरद यादव के साथ तब किया गया था जब उन्होंने महिलाओं के रंग के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। लालू ने साथ ही यह भी कहा कि ऐसी टिप्पणी केवल सिंह और ऐसे लोगों द्वारा की जा सकती है जो आरएसएस के सदस्य हों।
केंद्रीय कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने इस मामले में गेंद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पाले में डालते हुए कहा, यह पार्टी अध्यक्ष पर छोड़ दिया जाना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष अनुशासित व्यक्ति हैं। जब भी वे किसी को गलत करते हुए देखते हैं तो ध्यान देते हैं और उसे इस प्रकार की चीज नहीं करने की सलाह देते हैं। अपने सहयोगी के बयान के बारे में कोई टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा।
उधर नाइजीरिया के उच्चायोग ने गिरिराज सिंह की उस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने नाइजीरियाई महिला का हवाला दिया था। उच्चायोग ने ‘अस्वीकार्य’ टिप्पणी के खिलाफ मंत्री से माफी की मांग की है।
नाइजीरिया के कार्यवाहक उच्चायुक्त ओबी ओकानगोर ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज कराई जा सकती है क्योंकि सिंह की टिप्पणी ‘बहुत अशोभनीय’ है। उन्होंने कहा, हम आशा करते हैं कि मंत्री बयान वापस लेंगे और नाइजीरियाई जनता से माफी मांगेंगे। हम अपनी सरकार को इस मुद्दे पर सूचित करेंगे। यह पूछने पर उच्चायोग इस बारे में विदेश मंत्रालय के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराएगा तो उन्होंने कहा, हमें शिकायत दर्ज कराने की जरूरत है।