यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बताया कि देश के सभी विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान डिजिटल विश्वविद्यालय के सहयोगी के रूप में काम करेंगे। उन्होंने बताया कि डिजिटल विश्वविद्यालय में विद्यार्थी आनलाइन दाखिला लेगा, वह आनलाइन ‘स्वयं’ व अन्य माध्यम से पढ़ाई करेगा और फिर आनलाइन ही परीक्षा देगा।

कुमार ने 2023 में उच्च शिक्षा में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए साल में देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढांचा (एनएचईक्यूएफ) लागू किया जाएगा। यह उच्च शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण को आसान बनाने के लिए विकास, वर्गीकरण और योग्यता की मान्यता के लिए एक साधन होगा।

यह नियोक्ताओं सहित सभी हितधारकों को सीखने के अपेक्षित परिणामों की प्रकृति व स्तर को समझने और परिभाषित करने में मदद करता है। कुमार के मुताबिक अगले साल राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा (एनसीएफ) भी लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और अनुभवनात्मक अधिगम के क्रेडिट का एकीकरण होगा।

यूजीसी अध्यक्ष के मुताबिक 2023 में विदेशी संस्थानों को भारत में अपने परिसर खोलने की इजाजत दी जा सकती है। इससे भारतीय विद्यार्थियों को कम दामों में विदेशी शिक्षा अपने देश में ही मिल जाएगी। इसके अलावा भारतीय संस्थानों को भी विदेश में अपने परिसर खोलने की मंजूरी दी जा सकती है। ऐसा करके ये संस्थान भारतीय शिक्षा को अन्य देशों तक पहुंचाने का काम करेंगे।

इसी क्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली भी जल्द ही आबूधाबी में अपना परिसर खोल सकता है। कुमार के मुताबिक अगले साल हम भारतीय ज्ञान परंपरा को उच्च शिक्षा में शामिल करेंगे। इससे देश के प्राचीन ज्ञान को युवाओं तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। हमारे प्राचीन ग्रंथों में हर क्षेत्र का ज्ञान मौजूद है और इसे भारतीय युवाओं तक पहुंचाने का काम किया जाएगा।

इसके साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा को लेकर शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। कुमार के मुताबिक 2023 में शिक्षकों की पदोन्नति के नियमन में संशोधन करके पदोन्नति की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। इसके अलावा स्वायत्त कालेजों के नियमों में बदलाव करके अधिक से अधिक संस्थाओं को स्वायत्त किया जाएगा। अगले साल निजी विश्वविद्यालय नियमन में भी बदलाव संभव है।

प्रस्तुति : सुशील राघव