उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी विधानसभा पर होने वाला उपचुनाव मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक रहे दारा सिंह चौहान के भरतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाली इस विधानसभा सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
पार्टी ने योगी सरकार के 12 मंत्रियों को यहां प्रचार के लिए उतारा है। जो लगातार घोसी में टिके हुए हैं। उधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रो रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव समेत सपा के सभी दिग्गजों को घोसी के चुपनाव मैदान में प्रचार के लिए उतार रखा है।घोसी सूबे की एक एकमात्र ऐसी विधानसभा है जो पिछले एक दशक से उपचुनाव का दंश झेल रही है।
2017 में भी फागू चौहान के बिहार राज्य का राज्यपाल बनाए जाने के बाद रिक्त सीट से विजय राजभर उपचुनाव में विधायक चुने गए। 2022 के विधानसभा चुनाव में दारा सिंह चौहान के सत्तामोह के कारण घोसी विधानसभा एक बार फिर उपचुनाव के भेंट चढ़ गई। और सत्ताधारी पार्टी भाजपा से अनारक्षित सीट होते हुए भी पिछड़ा कार्ड खेला और सपा ने इस पर सवर्ण कार्ड खेला है।
घोसी के इतिहास पर यदि नजर डालें तो वो कम दिलचस्प नहीं है। कभी यहां की सड़कों को मखमल की उपमा से नवाजा जाता था। घोसी का सरायसादी गांव एशिया का पहला ऐसा गांव था जिसकी सारी जरूरतें सौर ऊर्जा के द्वारा पूर्ण होती थी। 1992 में घोसी से मऊ के बीच एक डबल डेकर बस चला करती थी जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर थी। इन सारे विकास कार्यों का श्रेय उस वक्त कल्पनाथ राय को दिया जाता था। लेकिन समय के साथ घोसी में विकास की गति सियासी गुणा-गणित की भेंट चढ़ गई।
घोसी विधानसभा में अगर जातीय आंकड़ों की बात की जाय तो सवर्ण मतदाताओं की संख्या लगभग 80 से 90 हजार के आस पास है। इनमें सर्वाधिक 48500 भूमिहार हैं पिछड़े 150100, दलित 60100 और अन्य जातियों के मतदाता 70000 हैं। वहीं, मुसलमान मतदाता 60000 के आसपास हैं, जो विधानसभा के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करते हैं। समाजवादी पार्टी को छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान के भाजपा में जाने से घोसी में हो रहे उपचुनाव से जनता खुश नहीं है। इसका सीधा लाभ समाजवादी पार्टी उठाने की पुरजोर कोशिश में है।
सपा ने यहां से सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें जिताने के लिए पार्टी ने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा, स्वामी प्रसाद मौर्य, बलराम यादव, रामगोविन्द चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, दयाराम पाल, मिठाई लाल भारती, दुर्गा प्रसाद यादव, राजपाल कश्यप, तूफानी सरोज, एचएन पटेल, काजल निषाद को भी लगाया है। सपा ने अपने अग्रिम संगठनों के नेताओं को भी यहां उतार दिया है। समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरि भी यहां डटे हुए हैं।