गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान की छत गिरने से हुई 25 लोगों की मौत के मामले में आरोपी कॉन्ट्रैक्टर अजय त्यागी ने माना है कि वह 30 प्रतिशत कमीशन अफसरों को दिया करता था। अजय त्यागी ने बताया कि उसने ये ठेका 55 लाख में लिया था। यही नहीं उसने अफसरों को 16 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। त्यागी ने माना कि उसने श्मशान की छत बनाने में घटिया मटीरियल इस्तेमाल किया था। यहां तक कि पूरे निर्माण में सीमेंट का इस्तेमाल नाममात्र के लिए किया गया था। सीमेंट की जगह बालू भरने का काम किया गया था।
आरोप है कि अजय त्यागी ने अपने ही लोगों को ठेके में बोली लगाने के लिए दो अलग नामों से उतारा था। श्माशान की छत के धराशायी होने से दो ढाई महीने पहले ही निर्माण कार्य पूरा हुआ था। इस निर्माण कार्य को लेकर लोगों के मन में शक पहले ही था क्योंकि श्मशान की छत में दरार पड़ने लगी थी।
मामले में राज्य सरकार ने आरोपी कॉन्ट्रैक्टर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का फैसला किया है। यूपी पुलिस ने कॉन्ट्रैक्टर अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि अजय त्यागी गाजियाबाद में काफी जाना माना कॉन्ट्रैक्टर था। घटना के बाद अजय त्यागी ने फरार होने की कोशिश भी की थी। लेकिन पुलिस ने उस पर इनाम घोषित किया जिसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया।
आरोपी अजय त्यागी का गाजियाबाद में काफी रसूख था। उसे बड़ी आसानी से कॉन्ट्रैक्ट मिल जाया करते थे। कथित तौर पर उसे हर साल 25 से 30 करोड़ का ठेका मिला करता था। फिलहाल सरकार ने मामले में कहा है कि आरोपियों से ही पूरे नुकसान की भरपाई की जाएगी।
इससे पहले 2018 में अजय त्यागी पर थाने में घुसकर मारपीट करने का भी आरोप है। उस वक्त गवाह न मिलने के चलते वह बच गया था। इस घटना के बाद भी नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की थी और त्यागी को कॉन्ट्रैक्ट मिलते रहे। अफसरों की कमीनशन खोरी ने उम्रभर के लिए कई परिवारों को गमगीन कर गिया है।

