नेपाल में हाल ही में जेन जेड युवाओं ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन Nepo Kids के खिलाफ किया। उनका कहना था कि नेपाल में सरकार वंशवाद को बढ़ावा दे रही है और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इस बीच ADR की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत किस दल में सबसे अधिक वंशवादी सांसद विधायक या फिर विधान परिषद सदस्य हैं।

भारत में 21 फीसदी प्रतिनिधि वंशवादी

ADR की रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 5204 मौजूदा सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य हैं। इसमें करीब 21 फीसदी सदस्य वंशवादी पृष्ठभूमि से आते हैं। वहीं लोकसभा में 31 फीसदी सदस्य हैं, जो वंशवाद की पृष्ठभूमि से आते हैं। अगर हम राष्ट्रीय दलों की बात करें तो इसमें देश 20 फीसदी प्रतिनिधि ऐसे हैं, जो वंशवाद के कारण चुने गए हैं।

कांग्रेस के 32 फ़ीसदी सांसद, विधायक या फिर विधान परिषद सदस्य वंशवादी पृष्ठभूमि के हैं। वहीं भाजपा में यह संख्या 18 फीसदी है। हालांकि अगर हम वामपंथी दलों का जिक्र करें तो इसमें सबसे कम सदस्य राजनीतिक परिवार से आते हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में केवल 8 फीसदी प्रतिनिधि राजनीतिक परिवारों से हैं।

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क्या कहती है ADR रिपोर्ट?

रिपोर्ट में कहा गया है, “राष्ट्रीय दलों में 3,214 मौजूदा सांसदों, विधायकों और एमएलसी का विश्लेषण किया गया है और इनमें से 657 (20 प्रतिशत) वंशवादी पृष्ठभूमि वाले हैं। कांग्रेस के 32 प्रतिशत मौजूदा सांसद, विधायक और एमएलसी वंशवादी पृष्ठभूमि से हैं, जबकि भाजपा के 18 प्रतिशत सांसद, विधायक और एमएलसी वंशवादी पृष्ठभूमि से हैं। वहीं सीपीआई (एम) जैसी छोटी पार्टियों में वंशवादी प्रभाव न्यूनतम है और उनके केवल 8 प्रतिशत सांसद, विधायक और एमएलसी वंशवादी पृष्ठभूमि से हैं।”

नेपाल में वंशवाद इतना बढ़ गया था कि जेन जेड ने इतना भयानक प्रदर्शन किया कि सरकार गिर गई। नेपाल के प्रधानमंत्री और उनके पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की संसद तक फूंक दी। हालांकि अब स्थिति सामान्य है। लेकिन हिंसक प्रदर्शन में 51 नागरिकों की मौत भी हुई है, जिसमें एक भारतीय महिला भी शामिल है। नेपाल में अभी स्थिति सामान्य है लेकिन सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं।