केन्द्र सरकार ने गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू (G.C Murmu) को जम्मू कश्मीर राज्य का पहला उप-राज्यपाल नियुक्त किया है। वहीं आरके माथुर को लद्दाख का उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया है। 31 अक्टूबर से दोनों अधिकारियों को यह तैनाती मिलेगी। बता दें कि 1985 बैच के आईएएस अधिकारी मुर्मू फिलहाल वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव का पद संभाल रहे हैं। मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी अधिकारियों में शुमार किया जाता है। हालांकि जीसी मुर्मू का नाम विवादों में भी आ चुका है और बहुचर्चित इशरत जहां एनकाउंटर में सीबीआई ने मुर्मू से पूछताछ भी की थी।

विवादों में आ चुका है नामः द वायर ने तहलका मैग्जीन के हवाले से एक खबर चलायी है कि तहलका मैग्जीन ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश की थी, जिसमें कथित तौर पर जीसी मुर्मू, वरिष्ठ कानून अधिकारी कमल त्रिवेदी और तत्कालीन गृह राज्यमंत्री प्रफुल पटेल से बातचीत कर रहे थे। खबर के अनुसार तीनों लोग एक कथित फर्जी एनकाउंटर को कवर करने के बारे में बात कर रहे थे। बता दें कि अब वह ऑडियो रिकॉर्डिंग सीबीआई की चार्जशीट का हिस्सा है। इसके अलावा जीसी मुर्मू ने कथित तौर पर स्नूपगेट विवाद में भी अमित शाह की मदद की थी। इस मामले में अमित शाह पर एक महिला को राज्य सर्विलांस पर लेने के आरोप लगे थे।

गुजरात में मोदी सरकार में संभाल चुके हैं अहम पदः जीसी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज इलाके से ताल्लुक रखते हैं और गुजरात सरकार में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल में मुख्य सचिव का पद संभाल चुके हैं। बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी मुर्मू के काम से काफी प्रभावित थे। जब नरेंद्र मोदी केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुए तो उन्होंने जीसी मुर्मू को भी नई दिल्ली बुला लिया। जीसी मुर्मू आगामी 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

काबिल अफसरों में होती है गिनतीः जीसी मुर्मू की गिनती काबिल अफसरों में की जाती है। मुर्मू जमीन से जुड़े व्यक्ति माने जाते हैं और माना जाता है कि उनके लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है। मुर्मू के करीबी लोगों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को उक्त बातें बतायी हैं। जीसी मुर्मू कानूनी रणनीतियां (Legal Strategies) बनाने में माहिर माने जाते हैं। यही वजह है कि जम्मू कश्मीर में उन्हें अहम जिम्मेदारी दी गई है।