mahatma gandhi made diet plan for Netaji: सरल जीवनशैली और दृढ निश्चय के साथ इस देश को स्वतन्त्र करने वाले राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी का आज 150वां जन्म दिन है। सत्य और अहिंसा को हथियार बनाकर भारत की तकदीर बदलने वाले मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी के कई राजनीतिक विरोधी रहे जिनमें से एक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस थे। इसी विरोधी के चलते नेताजी ने सन 1939 में कांग्रेस छोड़ दी थी और एक जन आंदोलन प्रारंभ किया था। जिसके बाद उन्होंने 1943 को ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया। लेकिन क्या आप जानते हैं गांधीजी ने कभी बोस के लिए ‘डायट प्लान’ बनाया था?

जी हां! गांधीजी ने नेता जी के लिए सन 1936 में एक ‘डायट प्लान’ तैयार किया था। इस डाइट प्लान में उन्होंने लिखा “पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए, अगर सलाद के रूप में लिया जाए तो बेहतर है। आलू और स्टार्च वाले कंद को संयम से लिया जाना चाहिए। पश्चिम में कच्चे प्याज और लहसुन खाने की सलाह दी जाती है। मैं ब्लड प्रेशर के लिए नियमित रूप से कच्चा लहसुन खाता हूँ। यह सबसे अच्छा एंटीटोक्सिन है। क्षय रोगियों को इसे खाने की सलाह दी जाती है। खजूर एक स्वस्थ पेट के लिए अच्छा भोजन है, लेकिन किशमिश अधिक सुपाच्य है। चाय और कॉफी मैं स्वास्थ्य के लिए आवश्यक नहीं मानता।”

बता दें गांधीजी ने स्वास्थ्य और खान-पान पर कई किताबें भी लिखी हैं, जैसे डाइट एंड डाइट रिफॉर्म्स, द मॉरल बेसिस ऑफ वेजिटेरियनिज्म और की टू हैल्त प्रमुख हैं। शाकाहारी गांधीजी ने आगे चलकर हर तरह के मसालों का सेवन भी बंद कर दिया और उन्होंने उबली हुई सब्जियों को अपना आहार बना लिया। डेयरी व्यवसाय में जानवरों के साथ हो रहे बर्तावों से दु:खी हो, उन्होंने गाय व भैंस के दूध को छोड़ बकरी के दूध का सेवन करना आरंभ कर दिया था। गांधी जहां भी जाते थे अपनी बकरी साथ लेकर जाते थे।