जी20 समिट का भारत में आयोजित होना कोई आम बात नहीं है, इसे हल्के में या एक सामान्य कार्यक्रम के रूप में बिल्कुल भी नहीं देखा जा सकता है। जिस एक आयोजन की वजह से दिल्ली को पूरी तरह छावनी में तब्दील करने की तैयारी है, उसकी अहमियत भारत के लिए बहुत ज्यादा है। कह सकते हैं कि ब्रांड इंडिया को इस एक समिट के जरिए बड़ा बूस्ट मिलने वाला है।
पॉलिटिकल नेरेटिव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
अब दिल्ली में हो रही सजावट ये बताने के लिए काफी है कि इस कार्यक्रम में किसी भी तरह की चूक को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कई देशों के प्रतिनिधि भारत आ रहे हैं, ऐसे में पूरी कोशिश होगी कि न्यू इंडिया के नेरेटिव को मजबूती के साथ सेट किया जाए। राजनीति और चुनावी मौसम के लिहाज से भी सरकार के लिए ये ग्लोबल कार्यक्रम एक अलग ही तरह की मदद कर सकता है। दुनिया जब भारत की तारीफ करेगी, मोदी सरकार के लिए उसे राष्ट्रवाद के एंगल से जोड़ना काफी आसान रहेगा।
शहरीकरण से बढ़ते बोझ और समाधान पर मंथन
वैसे राजनीति से इतर देश की प्रगति और पूरी दुनिया को भी दिशा दिखाने के लिए भारत में आयोजित होने जा रहा ये जी20 समिट एक सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है। इस समय विकासशील देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती शहरीकरण हैं। कहने को विकास के लिए लोगों का शहरों की तरफ आना आम बात है, लेकिन जिस तेजी से ये हो रहा है, विकासशील देशों को नए इंफ्रास्ट्रक्चर की सख्त जरूरत है। ऐसी सुविधाओं की आवश्यकता जिससे बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा किया जा सके। अब भारत में जो जी20 समिट होने जा रहा है, उसमें इस मुद्दे पर गहन चर्चा हो सकती है।
एक आंकड़ा बताता है कि 2050 तक दोगुने से भी ज्यादा लोग शहरों में रह रहे होंगे। ऐसे में उन्हें रोजगार देने से लेकर हाउसिंग सुविधा प्रदान करने तक, कई चुनौतियां सामने आने वाली हैं। उन चुनौतियों से पार पाने के लिए कई देशों को फंड्स की जरूरत भी पड़ेगी, ऐसे में जी20 का ये मंच वो राह कुछ आसान कर सकता है। किस तरह से और कितने फंड का इंतजाम किया जाए, इस पर चर्चा संभव है।
रिन्यूएबल एनर्जी और भारत की लीडरशिप
अब भारत का इस बार फोकस रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल पर भी रहने वाला है। ये नहीं भूलना चाहिए कि दुनिया कई देशों ने पेरिस समझौते के तहत रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ शिफ्ट होने की कसम खा रखी है, कई कदम इस दिशा में उठाए भी गए हैं। भारत ने तो एक तरह इस मामले में लीड किया है। वर्तमान में भारत रिन्यूएबल एनर्जी का तीसरा सबसे बड़ा निर्माता है। सोलर एनर्जी के मामले में तो उसने बहुत तेजी से कदम बढ़ाए हैं, ऐसे में अब भारत ही दुनिया के कई दूसरे देशों को भी क्लाइमेट चेंज की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करने वाला है।
हेल्थ सेक्टर में दुनिया को भारत का गुरु मंत्र
यहां भी जरूरी मिनिरल और दूसरे संसाधनों का आदान-प्रदान होता रहे, सप्लाई चेन बाधित ना हो, इस पर भी पूरा फोकस दिया जा रहा है। वैसे रिन्यूएबल एनर्जी के साथ-साथ जी20 समिट में भारत दुनिया के हेल्थ सेक्टर में क्रांति लाने वाले कई फैसलों पर भी विचार करने वाला है। कोरोना काल में कई देशों को वैक्सीन देने वाला भारत अब सभी देशों को ग्लोबल हेल्थ पर मंत्र देने वाला है। किस तरह से सभी के लिए अच्छा इलाज मुहैया करवाया जाए, किस तरह से महंगी से महंगी दवाई को आम आदमी की पहुंच तक लाया जाए, किस तरह से मेडिकल साइंस की बेस्ट टेक्नोलॉजी को हर देश को पहुंचाया जाए, इन तमाम पहलुओं पर भी मंथन होने जा रहा है।