दिल्ली में 9-10 सितंबर को आयोजित किए जाने वाली G20 समिट से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। G20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक प्रगति मैदान के नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भारत मंडपम’ में आयोजित किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ और आमंत्रित अतिथि देशों के शीर्ष अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 14 प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है।
दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और सम्मेलन के दौरान आतंकवादी हमले की स्थिति में गोला-बारूद की किसी भी कमी से बचने के लिए, खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली के होटलों में खास हथियार इकट्ठा किए हैं। सूत्रों ने कहा कि इससे कमांडो को ऑपरेशन के दौरान गोलियों और अन्य हथियारों की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी।
26/11 को ध्यान में रखते हुए तमाम सुरक्षा उपाय
गोलियों के अलावा, इन स्टोरहाउस में सैनिकों के लिए भरी हुई मैगजीन, चिकित्सा आपूर्ति, स्टन और स्मोक ग्रेनेड, वायरलेस सेट चार्जर, यहां तक कि बैकअप हथियार भी होंगे। 26/11 के आतंकवादी हमले को ध्यान में रखते हुए तमाम सुरक्षा उपाय किए गए हैं। एक खुफिया अधिकारी ने कहा, “2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद दिग्गजों द्वारा दिए गए कई सुझावों को G20 शिखर सम्मेलन के सुरक्षा उपायों में शामिल किया गया है। अधिकांश उपाय किसी भी इमरजेंसी हालात से बचने से जुड़े हैं।”
बैकअप के लिए रहेगी हथियारों की सप्लाई चेन
ऐसे हथियार रखने का विचार कुछ महीने पहले लुटियंस दिल्ली में एक सुरक्षा तैयारी बैठक के दौरान रखा गया था। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया, “यह फैसला लिया गया कि कमांडो के लिए बैकअप के रूप में सप्लाई चेन बनाए रखी जाएगी। अगर कोई हमला होता है, तो सप्लाई टीम जरूरी सामानों के साथ मुख्य टीम के साथ चलेगी। उन्हें आपूर्ति के लिए वापस भागना नहीं पड़ेगा। और यह ध्यान रखा जाएगा कि ऑपरेशन बिना किसी गड़बड़ी या बाधा के पूरा हो जाए।”
हथियारों के अलावा, सुरक्षा एजेंसियों ने होटलों के आसपास उड़ान भरने वाले किसी भी ड्रोन को गिराने के लिए सभी होटलों की छत पर ड्रोन-विरोधी तंत्र स्थापित किए हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रगति मैदान को नो-फ्लाई जोन घोषित किए जाने की संभावना है।
दिल्ली के 16 होटलों में रुकेंगे VVIPs
दिल्ली के कम से कम 16 होटल हैं जो राष्ट्राध्यक्षों सहित आने वाले गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी करेंगे। एडवांस अलर्ट सिस्टम से लेकर डिप्टी कमिश्नर-रैंक के पुलिस अधिकारियों को स्थल कमांडरों के रूप में तैनात करने तक, सिक्योरिटी एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एक सुरक्षा तंत्र स्थापित किया है। आयोजन स्थल के कमांडर इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के अधिकारियों के साथ समन्वय में विदेशी सुरक्षा टीम के सदस्यों के साथ संपर्क करेंगे।
होटल स्टाफ का सत्यापन कई दौर में किया गया है। होटल की प्रत्येक मंजिल के लिए कर्मचारियों का एक अलग समूह होगा और उनकी आवाजाही हर समय उस मंजिल तक सीमित रहेगी। एक अधिकारी ने कहा, “एक मंजिल के कर्मचारियों को किसी अन्य मंजिल तक पहुंच नहीं होगी। वे प्रवेश और निकास के लिए शिखर सम्मेलन के दौरान विशेष रूप से प्रोग्राम किए गए की कार्ड का इस्तेमाल करेंगे।” पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के लिए होटल में लगभग तीन कमरे होंगे। आयोजन स्थल कमांडर के नियंत्रण में दो कमरों को सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में तब्दील किया जाएगा।
