सरकार के साथ अपनी वार्ता को ‘‘बेनतीजा और असंतोषजनक’’ करार देते हुए एफटीआईआई छात्र संघ (एफएसए) ने आज कहा कि टीवी अभिनेता गजेन्द्र चौहान को एफटीआईआई संचालन परिषद के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की मांग को लेकर 12 जून से शुरू किया गया विरोध प्रदर्शन ‘‘जारी रहेगा।’’

फिल्म निर्माता गिरीश कसारवल्ली और ऑस्कर पुरस्कार विजेता रेसुल पुकुट्टी की अगुवाई में संघ के दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली तथा अन्य अधिकारियों के साथ कल मुलाकात की थी जिस दौरान चौहान को हटाने संबंधी मुख्य मांग पर ठोस जवाब नहीं मिला। एफएसए सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एफएसए के प्रवक्ता ने एक मीडिया बयान में बताया, ‘‘आज, हम एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं जहां पर आगे का रास्ता तय करने के लिए गहन विचार विमर्श की जरूरत है। हम लौटेंगे। तब तक हड़ताल जारी है।’’

चौहान तीन सप्ताह से जारी छात्रों के विरोध प्रदर्शन का केंद्र बिंदु बने हुए हैं। छात्र संगठन का कहना है कि गजेन्द्र चौहान में संस्थान की कमान संभालने के लिए ‘‘दृष्टिकोण और कद’’ का अभाव है।

अभिनेता का सत्तारूढ़ भाजपा के साथ जुड़ाव भी विवाद की जड़ है जहां छात्र उनके वैचारिक झुकाव पर विरोध जता रहे हैं और उनका कहना है कि इससे एफटीआईआई के बहुलवाद के विचार प्रभावित हो सकते हैं।

लोकप्रिय टीवी धारावाहिक महाभारत में ‘युद्धिष्ठिर’ की भूमिका निभाने को लेकर प्रसिद्धि पाने वाले चौहान ने इससे पूर्व कहा था कि उन्होंने पदभार संभाला तक नहीं है और इस पद पर अपनी योग्यता साबित करना बाकी है लेकिन उससे पहले ही उनकी नियुक्ति का छात्रों द्वारा विरोध किया जाना जल्दबाजी है।

इस प्रख्यात संस्थान के आंदोलनकारी छात्र इस समय नारा लगा रहे हैं, ‘‘युद्धिष्ठिर, हमें धर्म मत सिखाओ।’’