खबरों के लिहाज से सोमवार का दिन काफी अहम रहने वाला है। एक तरफ बिहार में एनडीए सरकार बनाने की कवायद तेज कर चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में शेख हसीना पर अदालत का फैसला आना है। सोनभद्र खदान हादसे के बाद अभी भी कई मजदूर फंसे हुए हैं तो उनका रेस्क्यू भी चिंता का विषय बना हुआ है और दिल्ली में जहरीली हवा ने अभी भी लोगों का सांस लेना मुश्किल कर रखा है। यहां जानते हैं सोमवार सुबह की पांच बड़ी खबरें-
शेख हसीना पर आज आना है फैसला
बांग्लादेश में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं, हालात ऐसे बने हुए हैं कि हिंसा करने वालों को सीधे गोली मारने के आदेश जारी हुए हैं। असल में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर आज अदालत का फैसला आना है, ऐसे में इस बात की चिंता है कि एक बार फिर बांग्लादेश में हिंसा भड़क सकती है। उसी डर की वजह से सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है और हिंसा करने वालों को सीधे गोली मारने का आदेश जारी हुआ है।
बिहार में एनडीए सरकार बनाने की कवायद तेज
बिहार में सरकार बनाने की कवायद तेज हो चुकी है, जेडीयू की आज एक अहम बैठक होनी है। उस बैठक में मंत्रियों से लेकर विभाग बंटवारे को लेकर तय हुए फॉर्मूले पर चर्चा होनी है। अभी के लिए माना जा रहा है कि बीजेपी-जेडीयू से समान संख्या में मंत्री रहेंगे, वहीं दो विभाग चिराग पासवान की पार्टी को दिए जा सकते हैं। डिप्टी सीएम को लेकर भी अलग-अलग कयास लग रहे हैं।
सोनभद्र हादसे में अभी भी रेस्क्यू जारी
यूपी के सोनभद्र जिले के ओबरा थाना क्षेत्र स्थित बिल्ली–मारकुंडी खनन इलाके में शनिवार को हुए खदान हादसे में अब तक चार शव निकाले जा चुके हैं। कई मजदूरों के अभी भी फंसे होने की आशंका है। NDRF-SDRF की टीमें पिछले दो दिनों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन दो चट्टाने बड़ी बाधा के रूप में सामने आई हैं, उस वजह से मजदूरों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
शुभमन गिल को अस्पताल से मिली छुट्टी
भारतीय कप्तान शुभमन गिल को रविवार (16 नवंबर) को अस्पताल से छुट्टी मिल गई, जहां गर्दन में लगी चोट के लिए उनका इलाज चल रहा था। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दौरान गिल को गर्दन में ऐंठन आ गई थी। हालांकि, अभी उनके गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में खेलने पर संशय बरकरार है।
महबूबा का केंद्र सरकार पर हमला
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती ने रविवार को युवाओं से अपील की कि वे ऐसे रास्ते पर न चलें जो न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके परिवारों, जम्मू-कश्मीर और पूरे देश के लिए खतरनाक हो। उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि वह इस बात पर विचार करे कि ऐसी कौन सी गलतियां हुईं कि जो युवा पत्थर और बंदूकें उठाते थे, वे अब आत्मघाती हमलावर बन गए हैं।
