गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स(जीएसटी) के मुद्दे पर अब कांग्रेस अब पिघलती नजर आ रही है। कांग्रेस ने टैक्‍स रेट पर कैप की अपनी मांग पर ढीले पड़ने के संकेत दिए हैं। उसने कहा है कि वह इस मांग पर बातचीत करने को तैयार है। राज्‍य सभा में कांग्रेस दल के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा, ”हम सरकार से टैक्‍स रेट पर गारंटी का आश्‍वासन चाहते हैं।” इस बात को विस्‍तार से बताने के सवाल पर उन्होंने कहा, ”उन्‍हें(सरकार) हमसे बात करने दो।” जीएसटी को भारत में टैक्‍स सुधार में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसके लागू होने के बाद देश में 1-1.5 प्रतिशत इकॉनॉमिक आउटपुट बढ़ जाएगा।

केरल की कम्‍युनिस्‍ट सरकार के वित्‍त मंत्री का GST को सपोर्ट, बोले- बिल की राह में नहीं बनेंगे बाधा

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आनंद शर्मा ने कहा, ”हम सरकार से टैक्‍स रेट पर गारंटी का आश्‍वासन चाहते हैं।” (Express Photo by Ravi Kanojia)

सरकार में मौजूद सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से बात करने के लिए इंफॉर्मल चैनल्‍स के जरिए बात की जा रही है। वहीं आनंद शर्मा का कहना है, ”अब तक नरेंद्र मोदी सरकार ने बातचीत के लिए विपक्षी पार्टियों से संपर्क नहीं किया है। प्रधानमंत्री को 16 फरवरी 2016 को सभी विपक्षी पार्टियों से बात करने में डेढ़ साल लग गए। उसके बाद कोई मुलाकात नहीं हुई।” नवंबर 2015 में कांग्रेस ने जीएसटी को लेकर तीन मांगे बताई थी। इनमें संवैधानिक संसोधन बिल में 18 प्रतिशत कैप, जीएसटी डिस्‍पुट सेटलमेंट अथॉरिटी का गठन और उत्‍पादक राज्‍यों को मदद करने वाले प्रस्‍तावित एक प्रतिशत अतिरिक्‍त टैक्‍स को वापस लेना शामिल था। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि इससे इनकार कर दिया। वे लगातार कह रहे हैं कि टैक्‍स रेट को संवैधानिक संसोधन बिल का हिस्‍सा बनाने से जितनी बार भी रेट में बदलाव होगा उतनी बार इसे विधायिका के पास जाना होगा।

मोदी सरकार के लिए अच्‍छी खबर, तमिलनाडु को छोड़कर GST बिल पर सभी राज्‍य राजी

पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेता इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर अब वह संसद में अकेली पड़ सकती है। तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्‍यों के वित्‍तमंत्री मॉडल जीएसटी कानून को लागू करने को स्‍वीकृति दे दी है। इनमें कांग्रेस शासित राज्‍य भी शामिल हैं। मार्क्सवादी पार्टी के शासन वाला राज्‍य केरल भी जीएसटी चाहता है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के भी कई नेता एक साल पहले तक इन मांगों को लेकर सहमत नहीं थे। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के दौरान कूछ नेताओं ने कहा कि यूपीए सरकार ने भी इन नियमों को बिल में शामिल नहीं किया था।

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