Kamal Saiyed
गुजरात के एक मकान से मिले सोने के सिक्कों से भरे बैग को पहले मजदूरों ने चुराया, फिर उसको मजदूरों के घर से मध्य प्रदेश की पुलिस वालों ने चुरा लिया। घटना का खुलासा होने पर चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। मध्य प्रदेश के चार आदिवासी मजदूरों ने 21 जुलाई को थाने में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सोने के 240 सिक्कों से भरा बैग लूटने की शिकायत दर्ज कराई थी। इन सिक्कों पर किंग जार्ज पंचम की आकृति बनी हुई है। ये मजदूर जनवरी में गुजरात में एक पैतृक घर को गिराने के लिए बुलाए गये थे। वहां दीवार के अंदर रखे सोने के सिक्कों को ये मजदूर कथित तौर पर निकाल कर अपनी जेबों में भर लिये थे। पुलिस ने इनमें से एक मजदूर से एक सिक्का बरामद कर उसे स्थानीय ज्वैलर को दिखाया तो उसके असली और कीमती होने का पता चला। पुलिस ने कहा कि सिक्का असली है और फरार चारों आरोपी पुलिसकर्मी, दो अन्य मजदूरों और बाकी सिक्कों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
बरामद सिक्कों पर अंग्रेजी शासक किंग जॉर्ज पंचम का चित्र बना हुआ है
बरामद सिक्के पर बने शब्द और चित्र अंग्रेजी शासनकाल के 1911 और 1936 के किंग जॉर्ज पंचम के जमाने के औपनिवेशिक सिक्कों से मिल रहा है। पुलिस के मुताबिक दक्षिण गुजरात के नवसारी जिले के बिलमोरा टाउन में बांदर रोड निवासी शोएब बलियावाला एक चिकन कारोबारी हैं। उन्होंने जनवरी में अपने पैतृक घर को गिराने के लिए वलसाड के ठेकेदार सरफराज करादिया को ठेका दिया था। 17 जुलाई को शोएब टूरिस्ट वीजा पर अमेरिका चले गये। उससे कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
मजदूरों के रिश्तेदार ने चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराया
दीवार को गिराए जाने के दौरान मजदूरों को 1922 के जमाने के सोने के सिक्कों से भरा एक बैग मिला। मकान मालिक और ठेकेदार को इसके मिलने की सूचना दिए बिना मजदूरों राजभाऊ, दिनसाभाई, बजारी भयदिया (20) और उसकी सास रामकू भयादिया (45) ने घर गिराने का अपना काम पूरा कर लिया। उन चारों मजदूरों ने सोने से भरे उस बैग को मध्य प्रदेश के बैजदा गांव में रामकू भयादिया के घर पर जमीन में गाड़ दिया।दोहरी चोरी का पता तब चला जब रामकू के रिश्तेदार शंभू सिंह 21 जुलाई को सेंधवा थाने में संपर्क किया और चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस के मुताबिक एक सिक्के की कीमत 44 हजार रुपये है
अलीराजपुर के एसपी हंसराज सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “रामकू की शिकायत के आधार पर बिलमोरा में मजदूरों ने शोएब के पिता शब्बीर बलियावाला के पैतृक घर की एक दीवार में छिपे सोने के सिक्के पाए थे। सभी चारों मजदूरों ने तय किया कि किसी को बताए बिना इसे चुपके से अपने घर ले चलें और वहां सभी बराबर बांट लेंगे। मध्य प्रदेश पहुंचने पर इसे रामकू के घर में छिपा दिया गया। कुछ दिन बाद रामकू स्थानीय एक सोनार की दुकान पर यह पता करने गई कि यह असली है कि नहीं। सिक्के का वजन 7.98 ग्राम था और उसमें 90 फीसदी सोना था। इसकी अनुमानित कीमत 44 हजार रुपये थी।”
एसपी हंसराज सिंह ने यह भी बताया, “धीरे-धीरे पूरे गांव को इसकी जानकारी हो गई। खबर सेंधवा थाने भी पहुंची तो 19 जुलाई को चार पुलिसकर्मी (सेंधवा थाना इंचार्ज विजय दावड़ा, कांस्टेबल सुरेश चौहान, राकेश दावेर और विजेंद्र सिंह) ने थाने की डायरी में लिखा कि उन्हें बैजड़ा गांव के एक घर में अवैध रूप से शराब का स्टाक किया जा रहा है। वे लोग सुबह दस बजे रामकू के घर पहुंचे और जांच पड़ताल की। जांच के दौरान न तो उसके पति वहां थे और न ही बहू थी। पुलिस को एक गड्ढा दिखा और सोने वाला बैग मिला। पुलिस ने उसे जब्त कर लिया। इस बरामदगी को छिपाने के लिए वे वापस थाने गये और डायरी में लिखा कि गांव में कोई अवैध शराब नहीं मिली।”
चारों पुलिसकर्मी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसपी ने कहा, “जब हमने पुलिसकर्मियों के बारे में पता लगाया तो पता चला कि वे चारों अवकाश पर थे। पहली नजर में घटना में उनके लिप्त होने की बात सही लग रही है। हमने 23 जुलाई को चारों को निलंबित कर दिया। हमने एक गुजरात के बिलमोरा में एक टीम भेजी है ताकि इसके बारे में और जानकारी तथा इसके मालिक और इसकी वित्तीय स्थिति के बारे में पता चल सके।”