विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमेशा हमलावर रहती हैं। कई नेताओं ने तो आरएसएस पर प्रतिबंध की वकालत भी की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि करीब 40 साल पहले कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवराज उर्स ने भी आरएसएस के संदर्भ में कुछ ऐसा ही फैसला लिया था। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम Forty Years Ago के मुताबिक, देवराज की अगुआई वाली कर्नाटक सरकार ने 7 मई 1979 को सार्वजनिक जगहों पर आरएसएस की परेड पर बैन लगाने का फैसला किया था।

अहमदाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए देवराज ने कहा था कि इस आदेश को प्रभाव में लाने वाले बिल तैयार किया गया। देवराज ने कहा था कि आरएसएस देश के सामने सबसे बड़ा खतरा है। क्या वह इस लड़ाई में राज नारायण जैसे दूसरे नेताओं की मदद लेंगे, देवराज ने कहा था, ‘राज नारायण को उनकी लड़ाई लड़ने दीजिए और उन्हें पहले पीएम का सहयोग लेने दें।’

बता दें कि 70 के दशक में कांग्रेस की पिछड़ी, अनुसूचित जातियों और जनजातियों में कांग्रेस की पैठ बेहतर करने का श्रेय देवराज को जाता है। उन्होंने लैंड रिफॉर्म और रिजर्वेशन से जुड़े कई फैसलों के जरिए ऐसा किया था। देवराज ने उस वक्त के दो प्रभावशाली समुदायों लिंगायत और वोक्कालिगा का असर कम करने का भी काम किया। देवराज ने बतौर सीएम दो बार कर्नाटक को अपनी सेवाएं दीं। वह इंदिरा गांधी के समर्थक माने जाते थे।