दिल्ली की तीन अहम सीमाओं- गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच पुलिस ने अब इन सभी जगहों पर सुरक्षा का हवाला देते हुए किलेबंदी जैसी व्यवस्था कर दी है। 26 जनवरी को हुई हिंसा के मद्देनजर पुलिस ने तीनों साइट्स पर अप्रत्याशित रूप से बैरिकेडिंग बढ़ा दी है। इन सभी जगहों पर ज्यादा बैरिकेड्स के साथ सीमेंट के स्लैब और कंटीले तारों के बाड़ बिछा दिए गए हैं। इसके अलावा बैरिकेड्स के आगे कीलें लगाई गई हैं।
पिछले दो महीनों में किसानों के विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बने सिंघु बॉर्डर में बैरिकेडिंग की वजह से किसानों को खासा मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। यहां बैरिकेडिंग से किसानों का तकरीबन 100 पोर्टेबल टॉयलेट से संपर्क कट गया है। अब टॉयलेट से कुछ ही दूरी पर पुलिस टेंट में एक अस्थायी किचन तैयार कर रही है।
पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले हरभजन सिंह, जो कि पिछले करीब एक महीने से आंदोलन से जुड़े हैं, ने बताया कि बैरिकेडिंग के चलते कई लोगों को खुले में ही शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। रास्तों के बंद होने की वजह से प्रदर्शनस्थल पर काफी कम टॉयलेट बचे हैं। इसलिए कई जगहों पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं।
सिंघु बॉर्डर पर ही मौजूद किसानों का कहना है कि 26 जनवरी को हुई घटना के बाद से प्रदर्शनस्थल पर पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ा है। हालांकि, इस पर दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पुलिसकर्मी टैंकरों को रोक देते हैं और कहते हैं कि ऊपर से ऑर्डर है।
हालांकि, इस पर दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि हम जरूरी सेवाओं को आने की अनुमति दे रही है। उन्होंने कहा, “हमने 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बाद एहतियात के तौर पर कुछ सड़कें ब्लॉक की हैं, पर किसानों को अभी भी कई सड़कों पर आने-जाने की अनुमति है। हम पानी के टैंकरों को कुछ चुनिंदा जगहों पर पहुंचने दे रहे हैं। जो टॉयलेट पहले प्रदर्शनस्थल से दूर थे, उन्हें अब बैरिकेडिंग के पार आंदोलन वाली जगहों पर ही शिफ्ट किया जा रहा है।”
गौरतलब है कि पत्रकारों को अब प्रदर्शनस्थल तक जाने के लिए बैरिकेड पार कर मुख्य सड़क का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा। इसके चलते उन्हें आंदोलन कवर करने के लिए खेतों या अंदरुनी रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है। दूसरी तरफ टिकरी में मंगलवार से ही कई जगहों पर कूड़े के पहाड़ बनते देखे गए। यहां किसानों का कहना है कि सफाई कर्मचारी पिछले दो दिनों से सफाई के लिए नहीं आए। सिंघु की तरह ही टिकरी पर भी किसानों ने टॉयलेट सुविधा न मिलने की शिकायत की है। यहां लोगों का आरोप है कि अधिकारियों ने टॉयलेट लॉक कर दिए।