पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हिमाचल की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम का मंगलवार रात दिल्ली में निधन हो गया। वे 95 साल के थे। पिछले सप्ताह मस्तिष्क आघात होने की वजह से उन्हें राज्य सरकार के हेलिकाप्टर में दिल्ली ले जाया गया था। वे एम्स में भर्ती थे। जहां पर दिल का दौरा पड़ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
उनके बेटे पूर्व मंत्री एवं मंडी के विधायक अनिल शर्मा ने बताया कि बीती रात करीब एक बजे उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में फिर से दिल का दौरा पड़ा और इस कारण उनका देहांत हो गया। उन्होंने बताया कि पंडित सुखराम के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से दिल्ली से मंडी लाया जा रहा है। गुरुवार सुबह 11 बजे सेरी मंच पर पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद ब्यास नदी के किनारे हनुमान घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
पंडित सुखराम के निधन पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, सांसद एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने शोक व्यक्त किया। उनके निधन को राजनीति के एक युग का समापन बताया गया। गुरुवार को पंडित सुखराम के निधन के कारण मंडी बाजार बंद रहेगा।
सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने कहा कि पंडित जी के जाने से सिर्फ परिवार को ही नहीं बल्कि मंडी सदर और पूरे प्रदेश को भारी आघात पहुंचा है। उन्हें संचार क्रांति का मसीहा कहा जाता था। उन्होंने हमेशा पूरे प्रदेश को समान दृष्टि से देखा और विकास में कभी भेदभाव नहीं किया। उन्होंने प्रदेश के विकास में जो योगदान दिया है उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनके द्वारा लाई गई संचार क्रांति देश को हमेशा एक नई दिशा देती रहेगी।
सुखराम 1993 से 1996 तक केंद्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। वे हिमाचल प्रदेश के मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य थे। सुखराम ने पांच बार विधानसभा चुनाव और तीन बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। उन्हें 2011 में भ्रष्टाचार के एक मामले में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। यह मामला 1996 का था, जब वे संचार मंत्री थे।