केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अगला उपराज्यपाल के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के नाम पर मुहर लगा दी है। गौरतलब है कि बुधवार शाम को ही गिरीश चंद्र मुर्मू ने केंद्र शासित प्रदेश के एलजी पद से अचानक ही इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को इस्तीफा मंजूर कर लिया। मुर्मू 31 अक्टूबर 2019 को ही जम्मू-कश्मीर के एलजी नियुक्त हुए थे। यानी करीब 9 महीने बाद ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया।

बता दें कि गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू-कश्मीर के एलजी बनने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव थे। मुर्मू ने ही 2015 में मोदी सरकार के विकास पैकेज को ड्राफ्ट किया था। सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुर्मू को भारत का नया सीएजी नियुक्त किया जा सकता है। मौजूदा सीएजी राजीव महर्षि का कार्यकाल इसी हफ्ते 7 अगस्त को खत्म हो रहा है।

श्रीनगर में स्थित सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल के कार्यालय की तरफ से दोपहर में ही मीडिया के साथ तय बैठक को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद शाम की मीटिंग भी रद्द की गईं और मुर्मू बुधवार शाम को ही श्रीनगर से जम्मू निकल गए। बताया जा रहा है कि गुरुवार को वे नई दिल्ली में ही होंगे।

एक हफ्ते पहले ही चुनाव आयोग ने उपराज्यपाल के तौर पर मुर्मू के उस बयान पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने मीडिया से जम्मू-कश्मीर की विधानसभा चुनाव की तारीख पर बात की थी। मुर्मू ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में भी कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अनिश्चितकाल के लिए राष्ट्रपति शासन नहीं रह सकता और इसलिए चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि एलजी और मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम के बीच टकराव से भी कुछ प्रशासनिक दिक्कतें आ रही थीं। एलजी के तौर पर मुर्मू सभी बैठकें और फाइलें अपने दफ्तर में मंगाने लगे थे और मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए नोट भेजते थे।

तीन बार के लोकसभा सांसद रह चुके हैं मनोज सिन्हा
बता दें कि मनोज सिन्हा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। पिछले आम चुनाव में उन्हें बसपा के अफजल अंसारी से हार मिली थी। इसके बाद से ही सिन्हा राजनीति की मुख्यधारा से बाहर थे। मनोज सिन्हा ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्रालय में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली है।