चुनाव आयोग को लेकर बहस छिड़ी हुई है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग बीजेपी की मदद कर रहा है। कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने एक प्रेजेंटेशन पेश किया, जिसके माध्यम से उन्होंने दावा किया कि लाखों वोट काटे गए हैं। इस बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह पूर्व पीएम राजीव गांधी को लेकर एक दावा कर रहे हैं।
अपने पूरे इंटरव्यू के दौरान शेषन ने प्रधानमंत्री राजीव गांधी का तो नाम नहीं लिया। लेकिन वह राजीव गांधी का ही जिक्र कर रहे थे। दरअसल जब वह कैबिनेट सेक्रेटरी बने तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे और 23 दिसंबर 1989 को वह कैबिनेट सेक्रेटरी पद से रिटायर होते हैं। तब पीएम वीपी सिंह थे। हालांकि वीपी सिंह 21 दिन पहले ही प्रधानमंत्री बने थे और उन 21 दिनों में कोई चुनाव शेड्यूल नहीं हुआ था।
पीएम राजीव गांधी ने शेषन को किया था फोन
जब भी देश में चुनाव सुधारों का जिक्र होता है तब टीएन शेषन का नाम जरूर आता है। शेषन ब्यूरोक्रेट थे और मार्च 1989 से दिसंबर 1989 तक वह भारत सरकार में कैबिनेट सेक्रेटरी भी थे। पहले उन्होंने राजीव गांधी सरकार में काम किया। उसके बाद वह वीपी सिंह सरकार में भी कुछ समय तक कैबिनेट सेक्रेटरी रहे। इस बीच शेषन का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि जब मैं कैबिनेट सेक्रेटरी था तब प्रधानमंत्री का फोन आया था। MYLAW को दिए इंटरव्यू के अनुसार शेषन कहते हैं कि पीएम ने उनसे कहा था मुख्य चुनाव आयुक्त को फोन करो और उन्हें कहो कि हम चाहते हैं इलेक्शन इस-इस तारीख पर हो।
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शेषन कहते हैं, “मैंने पीएम से कहा कि यह हमारा दायित्व नहीं है कि हम इलेक्शन कमीशन को चुनाव के लिए कहें। इसके जवाब में प्रधानमंत्री कहते हैं कि यह हमारा काम है कहें कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं। मैंने उन्हें (पीएम) साफ कर दिया कि यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह इलेक्शन का शेड्यूल क्या तय करता है।”
मैं भारत सरकार का हिस्सा नहीं- शेषन
शेषन वीडियो में आगे कहते हैं, “एक समय था जब मुख्य चुनाव आयुक्त कानून मंत्री के ऑफिस जाते थे और बाहर बैठा करते थे ताकि उन्हें अंदर बुलाया जाए। मैंने साफ कहा था कि मैं यह सब नहीं करूंगा। मैंने कहा कि मैं किसी भी समय मौजूद रहूंगा, बस एक कंडीशन है कि चुनाव आयोग के ऑफिस को सम्मान मिले। सभी कागजों में लिखा जाता था कि इलेक्शन कमिश्नर, गवर्नमेंट आफ इंडिया। मैंने कहा कि मैं भारत सरकार का हिस्सा नहीं हूं, मैं इस देश के संवैधानिक ढांचे का एक हिस्सा हूं, लेकिन मैं भारत सरकार का हिस्सा नहीं हूं।”
टीएन शेषन दो दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे हैं। साल 1996 में उन्हें चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने में भूमिका के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने साल 1997 में के.आर. नारायणन के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे। इसके बाद उन्होंने साल 1999 गांधीनगर लोकसभा सीट पर एलके आडवाणी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, वह यहां भी असफल रहे। 10 नवंबर, 2019 को चेन्नई में उनका निधन हो गया।