जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और सीपीआई सदस्य कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को बिहार के गोपालगंज में एक सभा में सरकार को चुनौती दी और कहा कि “तुम्हारे दिल में नाथूराम बसता है हमारे दिल में गांधी बसते हैं।” कहा कि “तुम्हारी बंदूकों की गोलियां खत्म हो जाएंगी, परन्तु हमारा सीना नहीं खत्म होगा।” जो लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हम सफल नहीं होने देंगे। कहा कि यह देश संविधान से चलता है। इसको किसी एक व्यक्ति या संगठन के विचारों से यह देश नहीं चलेगा।
शहर के मिंज स्टेडियम में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मतलब होता है देश में रहने वाले लोगों की व्यवस्था। व्यवस्था के लिए संविधान बनाया गया है। कहा कि संविधान में साफ लिखा है कि ‘हम भारत के लोग’, यानि भारत के अंदर रहने वाले लोगों के लिए यह संविधान है। संविधान में कोई जाति, धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया है। सभी इंसान बराबर के अधिकारों के हकदार हैं। किसी एक धर्म और जाति के लोगों को बाकी लोगों के अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने वोटों और अधिकारों को पहचानों। कहा “तुमने सरकार को वोट दिया है, लेकिन वोट देने का अधिकार सरकार ने नहीं संविधान ने दिया है। तुम्हें संविधान के अनुसार अपना काम करना है, सरकार के अनुसार नहीं।” कहा “जब संविधान में लिखा है कि सभी नागरिक एक बराबर हैं तो धर्म के आधार पर कुछ लोगों के लिए अलग नियम और दूसरे लोगों के लिए अलग नियम क्यों बनाया गया है। यह गलत हैं और हमें विरोध करना होगा।”
इससे पहले ‘जागो जगाओ, देश बचाओ यात्रा’ के तहत सीएए और एनआरसी के खिलाफ सभा करने गोपालगंज पहुंचने पर कन्हैया कुमार का कुछ लोगों ने जोरदार विरोध किया। शहर के पोस्ट ऑफिस चौक पर भाजयुमो और बीजेपी के कार्यकर्ता हाथों में बैनर लेकर कन्हैया ‘गो बैक’ के नारे लगाए और उनके काफिले को रोक दिया। उनके पोस्टर पर कालिख पोत दी। विरोध प्रदर्शन करने वालों को रोकने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी।