भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ शुक्रवार को देहरादून में 71वें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए आध्यात्मिकता और विज्ञान साथ-साथ चलते हैं। सोमनाथ ने कहा कि विश्वास और तथ्य एक-दूसरे के पूरक हैं। संस्कृति और इनोवेशन साथ-साथ काम करते हैं।
‘सारा ज्ञान हमारे अंदर ही है’
सोमनाथ ने कहा, “हमारे ऋषियों ने चेतना, गणित, खगोल विज्ञान, धातु विज्ञान, वास्तुकला और चिकित्सा का पता लगाया। हमारे आध्यात्मिक ग्रंथों में आधुनिक विज्ञान और उसके रहस्यों के बारे में जानकारी है। सारा ज्ञान हमारे अंदर ही है। हमारी परंपरा कहती है कि ज्ञान पवित्र है और इसे तप (आध्यात्मिक ध्यान) से प्राप्त किया जाना चाहिए। विज्ञान एक ऐसा उपकरण है जिसमें बदलाव लाने की शक्ति है। संस्कार सालों और पीढ़ियों की कड़ी मेहनत से पैदा हुआ एक उद्देश्य है और सेवा हममें से हर एक का अपनी मातृभूमि के प्रति कर्तव्य है।”
संगठन के हजारों छात्रों को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि एक वैज्ञानिक के तौर पर उन्हें चंद्रयान-3 पर गर्व है, जो चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरा। उन्होंने कहा, “हम ऐसा करने वाले पहले देश थे। हमने सूर्य को देखने के मिशन आदित्य L1 को लॉन्च किया, और हम गगनयान की तैयारी कर रहे हैं, एक भारतीय हमारे रॉकेट और सैटेलाइट का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष में जाएगा। NISAR, SSLV, और कई अन्य रियूजेबल रॉकेट सुर्खियों में रहे। स्काईरूट, पिक्सेल और बेलैट्रिक्स जैसे प्राइवेट स्पेस कंपनियां नई कहानियाँ बना रही हैं।”
डिजिटल और रक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर की सोमनाथ ने की तारीफ
देश के डिजिटल और रक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर पर टिप्पणी करते हुए सोमनाथ ने कहा कि भारत में आधार-आधारित सेवाएं, UPI, डेटा गवर्नेंस और साइबर-फिजिकल इंटीग्रेशन बहुत शानदार रहे हैं। उन्होंने कहा, “रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आप देख सकते हैं कि भारत काफी आगे बढ़ रहा है। हमने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में देखा कि हम दुश्मनों से निपटने के लिए कितने मजबूत हैं। हमारी मिसाइलें, हाइपरसोनिक सिस्टम पर काम, हमारे ऑटोनॉमस प्लेटफॉर्म, हमारे सैटेलाइट, हमारा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सभी ने हमारी ताकत का प्रदर्शन किया है।”
सोमनाथ ने कहा कि भारत की भविष्य की टेक्नोलॉजी को इम्पोर्ट नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्हें हमारे युवा ही सोचेंगे, बनाएंगे और परफेक्ट करेंगे। सोमनाथ ने कहा कि भारत आपसे एक्सीलेंस की उम्मीद करता है, भारत आपसे लीडरशिप की उम्मीद करता है, भारत आपसे अच्छे कैरेक्टर की उम्मीद करता है। बड़े सपने देखो और बोल्ड बनो। भारत एक है, और इसको एक रखना युवाओं की ज़िम्मेदारी है।
इंडिया 47 प्रोजेक्ट पर सोमनाथ ने कहा, “गीता आपको इस दिशा में गाइड करे। इंडिया 2047 एक सपना है जो हमारे PM ने हमें दिया है। जब मैं गवर्नेंस में था, तो मुझे इसे एक्शन में देखने का मौका मिला। 2047 में भारत टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग में एक ग्लोबल पावरहाउस होगा।”
ABVP के योगदानों पर ज़ोर देते हुए सोमनाथ ने कहा, “मुझे पता है कि ABVP सिर्फ एक ऑर्गनाइज़ेशन नहीं है। यह एक आंदोलन है, यह एक मिशन है, एक राष्ट्रीय चेतना है जो युवाओं की एक पीढ़ी को उम्मीद देती है। 1949 में जन्मी, जब भारत एक नया आज़ाद देश था, बहुत नाज़ुक स्थिति में ABVP बहुत उम्मीद और इस साफ विश्वास के साथ उभरा कि छात्र सिर्फ कल के नागरिक नहीं हैं, वे आज के नागरिक हैं। यह विश्वास मार्गदर्शक शक्ति बन गया, युवा शक्ति को राष्ट्रीय शक्ति में बदलने वाला। ABVP ने वह किया है जो दूसरे छात्र संगठनों ने नहीं किया। उदाहरण के लिए, इसने शिक्षा नीति को आकार दिया, इसने भारत की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा की, इसने राष्ट्रीय एकता अभियान चलाए और इसने आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाया। इसने बाढ़ भूकंप और महामारी राहत में मदद की और इसने सेवा में निहित नेतृत्व की एक परंपरा बनाई।”
भारत को आधुनिक युग का लीडर बताते हुए सोमनाथ ने कहा, “भारत में एक नया आत्मविश्वास बन रहा है। आधुनिक युग में यह पहली बार है कि दुनिया भारत को एक अलग नजरिए से देख रही है। हम नैतिक स्पष्टता वाला देश हैं। हम लोकतांत्रिक स्थिरता के एक स्तंभ हैं, और यह सरकार में बहुत साफ दिखता है। हम एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब भी है। हम एक आर्थिक पावरहाउस भी हैं। हम एक ऐसी सभ्यता भी हैं जो गरिमा के सिद्धांतों में निहित है। यह वह पल है जिसका हमारे सभी पूर्वजों ने इंतज़ार किया था। यह वह पल है जिसके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी, और यह वह पल है जिसका भारत सदियों से इंतज़ार कर रहा था। यह आ गया है, और यह सब आपकी वजह से है। आज दुनिया कहती है कि भारत 21वीं सदी में इसका नेतृत्व करेगा और हम जवाब दे रहे हैं कि हां हमारा समय आ गया है।”
अंतरिक्ष अनुसंधान में निजी पूंजी लाने के लिए सोमनाथ ने की पीएम मोदी की तारीफ
पूर्व चेयरमैन सोमनाथ ने अंतरिक्ष अनुसंधान में निजी पूंजी लाने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा, “हाल ही में हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने एक नई कंपनी के रॉकेट लॉन्च किए, और उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह प्राइवेट एंटरप्रेन्योरशिप को न्यूक्लियर सेक्टर में आने की इजाज़त देने वाले हैं। युवाओं और एंटरप्रेन्योर्स के लिए इसे बनाने का बहुत बड़ा मौका और अवसर है। आप ही वे लोग हैं जो भारत के क्वांटम कंप्यूटर और AI इकोसिस्टम बनाएंगे। आप क्लाइमेट एक्शन, ग्रीन टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर में बदलाव, ड्रोन, सेंसर और बायोटेक में लीड करेंगे। आप ही वे लोग हैं जो स्वदेशी डिफेंस टेक्नोलॉजी से राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करेंगे। आप भारत की संस्कृति और मूल्यों को पूरी दुनिया में फैलाएंगे।” सोमनाथ अभी विक्रम साराभाई डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर और जनवरी में ISRO से रिटायर होने के बाद एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (ASI) के प्रेसिडेंट-इलेक्ट के तौर पर काम कर रहे हैं।
