जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद कथित रूप से “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से इनकार” पर नौकरी से अपना इस्तीफा दे देने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी गोपीनाथ कन्नन ने दावा किया कि उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को हिरासत में लिया था। उनका कहना था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता विरोधी कानून में भाग लेने के लिए जाने के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया था।

ट्वीट कर बताया कि आगरा में अधिकारियों ने हिरासत में लिया : पूर्व नौकरशाह ने ट्वीट करके बताया कि उन्हें आगरा में पुलिस अधिकारियों ने हिरासत में लिया। कहा कि “आदेश अलीगढ़ जिले के लिए था, लेकिन मुझे आगरा में हिरासत में लिया जा रहा है।” केरल के रहने वाले 2012 बैच के आईएएस अधिकारी गोपीनाथन ने अगस्त में पद छोड़ दिया था। उन्होंने दादरा और नगर हवेली प्रशासन में बिजली और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे प्रमुख विभागों के सचिव का पद संभाला था।

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योगेंद्र यादव और डॉ. कफील खान की यात्राओं का हवाला दिया : अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी अधिसूचना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देश दिया गया कि गोपीनाथन को जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए आदेश में कहा गया है कि स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव और डॉ. कफील खान की ऐसी ही यात्राओं के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति से समझौता किया गया था।

सभा में पैनलिस्ट के रूप में बुलाया गया था : गोपीनाथन जो मुंबई में सीएए विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे रहे हैं, को शनिवार को एएमयू में एक सभा को संबोधित करने के लिए एक पैनलिस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया था। इसमें कविता कृष्णन और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान के पूर्व महासचिव फहद अहमद जैसे अन्य लोग भी शामिल थे। अहमद को भी पुलिस ने विश्वविद्यालय के रास्ते से हिरासत में ले लिया था।