पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथ ने मंगलवार (24 सितंबर) को दावा किया कि अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ मुमकिन है। ऐसा वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीन के इस्तेमाल के कारण हुआ है। गोपीनाथ ने कई ट्वीट के जरिए यह भी बताया कि छेड़छाड़ कैसे हो सकती है। बता दें कि 2012 बैच के आईएएस गोपीनाथ ने हाल ही मेंं कश्मीर के मसले पर नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। वह दादरा व नागर हवेली संसदीय क्षेत्र में जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और रिटर्निंग अफसर (आरओ) थे। इस जिम्मेदारी के दौरान का अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा है कि अब ईवीएम से छेड़छाड़ असंभव नहीं रह गया है। चुनाव आयोग ने उनके आरोपों और दलीलों को बेबुुुुनियाद बताया है।
साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनावों में सभी ईवीएम के साथ VVPAT मशीन का इस्तेमाल शुरू किया गया था। ईवीएम का बटन दबाने के बाद इस मशीन के जरिए कागज की पर्ची निकलती है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी इस मशीन का इस्तेमाल किया गया। कोर्ट के आदेश से सभी विधानसभा क्षेत्र में पांच-पांच बूथ के वोटों की मतगणना के समय वीवीपैट मशीन से निकली पर्चियों से मतों का मिलान किया गया था।
आम चुनाव के दौरान दादर और नगर हवेली में निर्वाचन अधिकारी रहे गोपीनाथ ने फरवरी 2019 में चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित ‘मैनुअल ऑन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी’ के नए संस्करण का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘मेरी ओर से की गई ईवीएम की वकालत आप शायद भूले नहीं होंगे। मैं अभी भी अपने रुख पर कायम हूं, सिवाय इसके कि VVPAT के साथ हुए पहले चुनाव ने मेरा भरोसा छीन लिया है। VVPAT ने ईवीएम के सुरक्षा कवच को भेद दिया है और हैकिंग की आशंका बढ़ा दी है।’
So, you might remember my spirited defense of EVMs. I still stand by it, except that my first election with VVPAT has taken away my trust. VVPAT has created a hole in the EVM armor & made the process amenable to hacking @DrSYQuraishi @AshokLavasa @ECISVEEP https://t.co/uKdu7AfBee
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) September 24, 2019
पूर्व आईएस गोपीनाथ ने कहा, ‘अब क्यों और सेवा (नौकरी के दौरान) में रहते हुए क्यों नहीं? मैंने इस मुद्दे को दो मौके पर उठाया था। एक बार जब ईसीआई की ओर से निर्वाचन अधिकारियों को आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग दी जा रही थी और दूसरी बार, ईसीआईएल में रहते हुए इस मुद्दे को उठाया।’ उन्होंने ट्वीट कर यह भी बताया कि ईवीएम हैकिंंग की आशंका क्यों है और इसे कैसे अंजाम दिया जा सकता है?
Unlike before, the Ballot Unit (BU) is not connected to Control Unit (CU – Memory of EVM) directly any more.
It is connected through VVPAT.
Means what you press on that blue button in the BU is not registering the vote in the CU anymore.
But what VVPAT communicates to CU is! pic.twitter.com/08vLFE6rNB
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) September 24, 2019
चुनाव आयोग का जवाब: गोपीनाथ के आरोपोंं पर चुनाव आयोग ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि गोपीनाथ इस्तीफा देनेे के तत्काल बाद, अचानक जो मुद्दा उठा रहे हैं, उसे चुनाव आयोग के साथ उठाने का कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है। सवा करोड़ वीवीपैट पर्चियों की गणना हुई। इनमें से एक भी मामला ऐसा नहीं मिला, जिसमें एक उम्मीदवार का वोट दूसरे को ट्रांसफर हो गया हो।
That is dangerous!
For VVPAT now controls two things.
1. What is being shown to the public in the form of paper slips. Or the perception & trust factor.
2. What is actually getting registered in the Control Unit as a vote. Or the actual vote factor. 4/n pic.twitter.com/U2dIn8HLH2
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) September 24, 2019

