डॉ. भीमराव आंबेडकर के खिलाफ कथित तौर अपमानजनक बयान देने को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच ओडिशा के भुवनेश्वर से भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी चर्चा में आ गई हैं। सारंगी आज संसद परिसर में कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी को ‘1984’ लिखा बैग पकड़ा दीं। भाजपा सांसद ने ये बैग 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे को ध्यान दिलाते हुए दिया था। चूंकि 1984 में हुए दंगे के दौरान प्रियंका गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार थी।
‘खून’ से लिखा बैग दिया
इस मामले के बाद सारंगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1984 के समय प्रियंका गांधी के पिता ने किस तरह से संविधान को कुचला था। उसी को ध्यान दिलाने के लिए आज खून से लिखा बैग प्रियंका गांधी को दिया गया।
सारंगी ने 2018 में लिया था वीआरएस
ओडिशा के भुवनेश्वर से बीजेपी की लोकसभा सांसद अपराजिता सारंगी पूर्व में IAS अधिकारी रही हैं। 2019 में भुवनेश्वर से चुनाव जीतकर सारंगी पहली बार लोकसभा पहुंची थीं। इससे पहले केंद्र सरकार की ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थीं। लेकिन 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के बाद बीजेपी में शामिल हो गईं।
1994 बैच की IAS अधिकारी अपराजिता सारंगी मूल रूप से बिहार के भागलपुर की रहने वाली हैं। सारंगी के पिता अजीत मिश्रा भागलपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर थे। भागलपुर से ही पढ़ाई-लिखाई के बाद साल 1994 में अपने प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बनीं। इस दौरान उनको ओडिशा कैडर मिला। ओडिशा में काम के दौरान ही 1994 बैच के ही अधिकारी संतोष सारंगी से विवाह कर लिया।
भुवनेश्वर की रह चुकी हैं कमिश्वर
ओडिशा में IAS रहने के दौरान सारंगी 1998 से 2006 तक नुआपाड़ा, कोरापुट, बरगढ़ समेत कई जिलों में बतौर जिलाधिकारी रहीं। इसके बाद सारंगी को 2006 में ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने भुवनेश्वर नगर निगम का कमिश्नर बनाया। इसी दौरान उन्होंने कई अमूल-चूल काम किए जिसको लेकर सारंगी चर्चा में आ गईं। बताया जाता है कि कमिश्वर रहते हुए सारंगी ने शहर का कायापलट कर दिया। साल 2013 में सारंगी को केंद्र सरकार में बुला लिया गया। जहां सारंगी को ग्रामीण विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में ग्रामीण विकास विभाग में संयुक्त सचिव और मनरेगा की जिम्मेदारी के तौर पर अपराजिता सारंगी ने काम किया। इस दौरान उन्होंने देश के 25 राज्यों के कुल 450 जिलों का दौरा किया। दौरा करते हुए सारंगी को मंत्रालय और सरकार की ओर से खूब प्रशंसा मिली। धीरे-धीरे सारंगी पीएम मोदी के पसंदीदा बन गईं। इसी वजह से साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सारंगी को भुवनेश्वर से बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया।