जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर कश्मीरी पंडितों को आतंकी अपना निशाना बना रहे हैं। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को अपनी गोली का निशाना बनाया। इस तरह की हत्याएं आए दिन दहशतगर्दों द्वारा हो रही हैं। ऐसे में जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने सलाह दी है कि घाटी में रह रहे हिंदुओं सहित कमजोर वर्ग के लोगों को खुद की सुरक्षा के लिए हथियारों की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षित माहौल पैदा करने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस पी वैद्य ने आजतक से बातचीत में कहा कि सबसे पहले तो उन मॉड्यूल की पहचान करना जरुरी है जिनको ISI हैंडल करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरुरी है कि स्थानीय लोगों और पुलिस में एक तालमेल कायम हो।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं सहित अन्य कमजोर वर्गों को हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि अगर आतंकवादी हमला करें तो वे अपनी रक्षा कर सकें। पूर्व डीजीपी ने कहा कि जो भी कश्मीर के अमन के लिए लड़ता है, आतंकी उन्हें मार देते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा का इंतजाम करना होगा।

एसपी वैद्य ने कहा, “खुद की सुरक्षा करने के लिए लोगों को हथियारों की ट्रेनिंग देने से पहले इससे जुड़े तमाम एहतियात बरतने होंगे। यह भी देखना होगा कि लोगों के हथियार आतंकियों के हाथ ना लग सकें। अगर इन सब चीजों पर काम करके इसे करें तो लोगों के लिए बेहतर होगा।” उन्होंने कहा कि कश्मीरियों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाने जरुरी हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों को ट्रेनिंग देनी चाहिए कि अगर घर में रहते हुए कोई रात में दरवाजा खटखटकाए तो किस तरह गेट खोलना है, अगर किसी दफ्तर में काम करते हैं तो खुद के कैसे बचाना है। वहीं कश्मीर फाइल्स फिल्म के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि यह फिल्म तो अब आई है लेकिन कश्मीर में किलिंग बहुत पहले से हो रही है।