सर्वोच्च अदालत ने मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। ऐसे में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायती चुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने इसे 70 फीसदी आबादी के साथ अन्याय बताया है। सोमवार को उमा भारती ने अपने कई ट्वीट्स में अपनी बात रखी।

उमा भारती ने कहा है कि बिना समाधान निकाले पंचायत चुनाव ना हो, इसके लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार को कोई रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा, “मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर लगी हुई न्यायिक रोक चिंता का विषय है।”

वहीं दूसरे ट्वीट में उमा भारती ने कहा, “मेरी अभी सुबह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी से फोन पर बात हुई है तथा मैंने उनसे आग्रह किया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत का चुनाव मध्यप्रदेश की लगभग 70% आबादी के साथ अन्याय होगा।”

एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, “इसलिए पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने का समाधान किए बिना पंचायत चुनाव ना हो सके इसका रास्ता हमारी मध्य प्रदेश की सरकार को निकालना ही चाहिए। मुझे शिवराज जी ने जानकारी दी है कि वह इस विषय पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं।”

गौरतलब है कि एमपी में पंचायत चुनाव में आरक्षण खत्म होने को लेकर राज्य में भाजपा व कांग्रेस नेता आमने-सामने डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि पंचायत चुनाव में भाजपा के इरादों पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि बीजेपी न तो परिसीमन कर रही, न रोटेशन कर रही और अब न ओबीसी आरक्षण दे रही है। ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर भाजपा जिस तरह से चुप्पी साधे हुए है, वो उसकी आत्मा की आवाज जाहिर करती है।

वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि कांग्रेस पांच बार हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन अदालत में कोई तर्क नहीं दिया। इसलिए विधानसभा में उसे इस मुद्दे पर स्थगन लाने के बजाय माफी मांगना चाहिए। फिलहाल कांग्रेस के अलावा अब भाजपा की ही वरिष्ठ नेता उमा भारती द्वारा इस मामले में किया गया ट्वीट, नया मोड़ ला सकता है।