Subramanian Swamy: यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को रूस की धमकी पर बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। पूर्व बीजेपी सांसद ने अपने ट्वीट में लिखा कि चीन के जूनियर पार्टनर रूस ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के यूक्रेन से बाहर न जाने पर बमबारी की धमकी दी है। स्वामी ने कहा कि मेरी ओर से पीएम मोदी को सलाह है कि वो आदेश जारी करें कि यूक्रेन में रह रहे भारतीय अपनी पूंछ को टांगों के बीच दबाकर पूरी ताकत के साथ दौड़ लगाएं।
पूर्व बीजेपी सांसद ने केंद्र सरकार को सलाह भी दी कि पीएम नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहें कि वो पहले भारत में रह रहे सैकड़ों रसियन को वापस बुलाएं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बहुत से भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन में फंसे हुए हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय हमेशा रहने वाले सुब्रमण्यम स्वामी आए दिन मोदी सरकार पर हमलावर रहते हैं। वो केंद्र सरकार पर हमला करने का कोई भी ऐसा मौका नहीं छोड़ते हैं।
भारतीयों के लिए दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
मंगलवार को भारत ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के लिए दूसरी एडवाइजरी जारी करते हुए तुरंत यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा था। इसके पहले 19 अक्टूबर को भारत ने एडवाइजरी जारी की थी और अपने नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। वहीं इसके पहले इस वर्ष फरवरी और मार्च में जो छात्र यूक्रेन से भारत लौटे थे, उनमें से कई छात्र फिर से यूक्रेन चले गए थे। उनके लिए भी सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि सभी छात्र अपनी सुरक्षा को देखते हुए तत्काल यूक्रेन छोड़ दें।
रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु ने राजनाथ सिंह से की बात
रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु ने राजनाथ सिंह से की बात रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और ‘डर्टी बम’ के संभावित इस्तेमाल पर यूक्रेन के उकसावे के बारे में अपनी चिंता के बारे में बताया। रूसी समकक्ष की टेलीफोन पर बातचीत के बाद राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “रूसी रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु ने मुझे यूक्रेन में ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी, जिसमें ‘डर्टी बम’ के इस्तेमाल के जरिए संभावित उकसावे के बारे में उनकी चिंता भी शामिल थीं।” राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि किसी भी देश को परमाणु हथियारों का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि ये मानवता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ जाती है।