मणिपुर के हालात देख बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भड़क गए हैं। उनका कहना है कि सरकार को बर्खास्त कर गृह मंत्री अमित शाह को खेल मंत्रालय का जिम्मा दिया जाए। उनका कहना है कि अमित शाह गृह मंत्रालय को संभाल पाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।

स्वामी का कहना है कि गृह मंत्री होने के नाते शाह को मणिपुर के हालात सामान्य करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना था। लेकिन वो जिस तरह से काम कर रहे हैं उसमें लगता नहीं है कि कुकी जनजाति को बचाने में उनकी कोई रुचि भी है। सरकार का काम होता है बगैर भेदभाव के सिस्टम को चलाना। लेकिन न तो अमित शाह और न ही मणिपुर की बीजेपी सरकार इस तरफ कोई काम करती दिख रही है। स्वामी का कहना है कि मणिपुर की सरकार को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की घोषणा की जानी चाहिए। आज के हालात में ये कदम तत्काल प्रभाव से उठाना जरूरी है।

मणिपुर में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। इंफाल में सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच शुक्रवार को रातभर झड़प हुई। इंफाल में भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के घर जलाने की भी कोशिश की। दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर द्रुत कार्य बल ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला। उन्होंने बताया कि लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की।

आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं। इंफाल में भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने की कोशिश भी की। सिंजेमाई में मध्य रात्रि के बाद बीजेपी कार्यालय का घेराव किया। लेकिन सेना ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इंफाल में आधी रात के करीब पोरमपेट के पास भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की।

फिलहाल मणिपुर का मसला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। एक एनजीओ ने शीर्ष अदालत को हाल ही में बताया था कि केंद्र ने जो आश्वासन सुप्रीम कोर्ट के सामने दिया था वो उस पर अमल नहीं कर रहा है। मणिपुर की सरकार भी केंद्र के साथ मिलकर कुकी जनजाति का सफाया करना चाहती है।