कांग्रेस सरकार के दौरान अटॉर्नी जनरल रहे और राम जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष के प्रमुख वकील के. परासरन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मेजबानी करेंगे, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडन ने बुधवार (5 फरवरी, 2020) को मंजूरी दे दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय ‘R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट -1, नई दिल्ली, 110048’ होगा जो परासरन के घर का पता है। सूत्रों ने बताया कि परासरन के निवास से ट्रस्ट का संचालन होगा। हालांकि अपनी पहली बैठक में ट्रस्ट का बोर्ड ट्रस्ट के लिए स्थाई कार्यालय पर फैसला लेगा।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले 92 वर्षीय परासरन को 2012 में यूपीए सरकार के दौरान राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। वह साल 1983 और साल 1989 के बीच दो कांग्रेसी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में अटॉर्नी जनरल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि ट्रस्ट में देश भर से सदस्य हैं। परासरन 15 सदस्यों में पहले ट्रस्टी हैं।

परासरन के अलावा जो ट्रस्ट के सदस्य बनाए नियुक्त किए गए हैं उनमें जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं: अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास।

एसके अलावा दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे। एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा। उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा। एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी। प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो।

अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे। यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा। राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा। अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा। (एजेंसी इनपुट)