कुत्तों का इंसानों पर हमला पिछले कुछ दिनों से बढ़ा है। आए दिन कुत्तों के काटने की खबरें सामने आती रहती हैं। कुत्तों द्वारा हमले में कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं कई की मौत हो गई। ऐसी घटनाओं से लोगों के मन में कुत्तों को लेकर एक अलग तरह का डर बैठ गया है। लोग इन घटनाओं को लेकर लोग चिंता में हैं। हालांकि अब केंद्र सरकार ने कई खतरनाक किस्म के विदेशी नस्ल के कुत्तों पर बैन लगाने की बात कही है।
पिटबुल सहित इन नस्ल के कुत्तों पर लगेगा बैन
केंद्र सरकार ने पिटबुल, रोटवीलर, टेरियर, वुल्फ और मास्टिफ सहित कई खतरनाक नस्लों के कुत्तों पर बैन लगाने की बात कही है। यानी इन नस्ल के कुत्तों को ना कोई पाल पाएगा, ना ही बेच पाएगा। इसके साथ ही इन नस्ल के कुत्तों की प्रजनन पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया गया है। पशु पालन मंत्रालय ने कहा है कि इन नस्ल के कुत्तों के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। बता दें कि यह नियम मिश्रित और क्रॉस सभी नस्लों पर समान रूप से लागू होगा।
पशुपालन मंत्रालय का कहना है कि इन नस्ल के कुत्तों का इस्तेमाल अधिकतर लड़ाई में किया जाता है। मंत्रालय ने विदेशी कुत्तों की नस्लों की बिक्री, प्रजनन या रखने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। पशुपालन मंत्रालय के सचिव डॉ. ओपी चौधरी ने इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि पिट बुल और मानव जीवन के लिए खतरनाक अन्य नस्लों के कुत्तों के लिए कोई लाइसेंस न दिया जाए।
इस सूची में पिटबुल, टेरियर, टोसा इनु, वुल्फ आदि नस्लें (मिश्रित और क्रॉस सहित) शामिल हैं। पत्र में यह भी सिफारिश की गई है कि जिन कुत्तों को पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखा गया है।
इस फैसले पर पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल कहते हैं, “यह फैसला इंसान और कुत्तों दोनों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला बताता है कि पिट बुल और अन्य ऐसी नस्लों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पाला जाता है।
पिटबुल जैसे अन्य कुत्तों की नस्लों को भारत में सबसे अधिक छोड़े दिया जाता है। इस कार्रवाई से काफी हद तक इसे रोका जा सकता है। केंद्र ने डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग रूल्स 2017 और पेट शॉप रूल्स 2018 को लागू करने का भी आह्वान किया है।