चारा घोटाला से जुड़े दुमका कोषागार केस में राजद सुप्रीमो लालू यादव को बेल मिल गई है। फिलहाल वे एम्स में इलाजरत हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले ही 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के तीन मामलों में जमानत हासिल कर ली है और अब दुमका कोषागार मामले में जेल से रिहाई मिल गई है।
इससे पहले चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की याचिका की सुनवाई को झारखंड हाईकोर्ट ने टाल दिया था। सीबीआई द्वारा मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने के बाद दुमका कोषागार मामले में जमानत की याचिका को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने टाल दिया था। लालू प्रसाद यादव के वकील, कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में जानबूझकर देरी कर रही है क्योंकि वे “राजनीतिक कारणों से” लालू यादव को जेल में रखना चाहते हैं।
यह मामला बिहार में 90 के दशक में दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है। 1991 और 1996 के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ की धोखाधड़ी की गई थी जब यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे।
लालू प्रसाद यादव वर्तमान में एम्स नई दिल्ली में भर्ती हैं, जहां उन्हें पिछले जनवरी में भर्ती किया गया था। लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका हाईकोर्ट में यह कहते हुए दायर की थी कि राजद प्रमुख ने मामले में आधी सजा पूरी कर ली है इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। याचिका में राजद नेता की खराब स्वास्थ्य स्थिति का भी हवाला दिया गया।
बता दें कि कोर्ट ने लालू की सजा अवधि सात साल मानकर ये राहत दी है। जबकि सीबीआई का तर्क था कि लालू प्रसाद को दुमका मामले में कुल 14 साल जेल की सजा काटनी है। एजेंसी ने कहा था कि दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगी ऐसे में उनकी आधी सजा भी पूरी नहीं हुई है तो रिहाई कैसे दी जा सकती है?