बिहार के खगड़िया जिले के एक दिहाड़ी मजदूर को आयकर विभाग से 37.5 लाख रुपए का बकाया भुगतान चुकाने का नोटिस मिला है। रोजाना करीब 500 रुपए कमाने वाले खगड़िया जिले के मघौना गांव निवासी गिरीश यादव ने इस संबंध में अपने इलाके के पुलिस थाने (अलौली) में शिकायत दर्ज कराई है। आयकर विभाग ने अपने नोटिस में गिरीश को राजस्थान स्थित एक कंपनी से जुड़े होने की बात कही है। लेकिन गिरीश का कहना है कि वह वहां (राजस्थान) कभी गया ही नहीं।
अलौली थाना के प्रभारी पुरेंद्र कुमार ने बताया, ‘हमने मामला दर्ज कर लिया है और गिरीश द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर जांच शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया यह धोखाधड़ी का मामला लगता है।’ उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को उसके नाम से जारी पैन नंबर के आधार पर नोटिस मिला है। उन्होंने कहा, ‘गिरीश का कहना है कि वह दिल्ली में मजदूरी का काम करता है, जहां उसने एक बार एक दलाल के जरिए पैन कार्ड बनवाने की कोशिश की थी पर उसके बाद उससे कभी उसकी मुलाकात नहीं हुई। इसके अलावा नोटिस में गिरीश को राजस्थान स्थित एक कंपनी से जुड़े होने की बात कही गई है। लेकिन उसका कहना है कि वह वहां (राजस्थान) कभी गया ही नहीं।’
इससे पहले 18 जुलाई को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक मजदूर को 66 करोड़ रुपए का आयकर विभाग का नोटिस जारी करने का मामला सामने आया था। भीलवाड़ा के हुरड़ा निवासी रंगाई पुताई करने वाले युवक गोविंद भील को आयकर विभाग अजमेर द्वारा नोटिस थमाया गया है।
कच्चे मकान में रहने वाला गोविंद दो समय की रोटी का जतन रंगाई पुताई करके करता है। परिवार में पत्नी और दो बच्चियां हैं। गोविंद भील का कहना है कि वह रंगाई पुताई का कार्य करता है। साल 2017 में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में काम करने के लिए उसने पैन कार्ड बनवाकर बैंक में खाता खुलवाया था।
खाता खुलवाने के बाद भी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में नौकरी नहीं मिली। उसने बताया कि खाते से कोई लेनदेन भी नहीं किया गया। गोविंद का कहना है कि उसके बैंक खाते का किसने, कैसे प्रयोग किया, इस बारे में उसे नहीं मालूम। गोविंद भील ने बताया कि आयकर का नोटिस मिलने के बाद वह अजमेर आयकर कार्यालय में 14 जुलाई को उपस्थित हुआ था। तब बताया गया कि उसके खाते से 66 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। जबकि वह तो गरीब आदमी है और 10 हजार रुपए जुर्माना भी नहीं भर सकता।