प्रधानमंत्री मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से सभी नेताओं और अधिकारियों से वीआईपी कल्चर ख़त्म करने की अपील कर चुके हैं। लेकिन उनकी अपील का कोई ख़ास असर नहीं दिख रहा है। इन दिनों सोशल मीडिया पर तमिलनाडु की द्रमुक सरकार में मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में मंत्री के जूते पानी में नहीं भींग सके इसलिए मछुआरे उन्हें गोद में उठा कर ले जाते हुए दिख रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तमिलनाडु की द्रमुक सरकार में मत्स्य और पशुपालन मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन थिरुवल्लूर जिले का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान लोगों ने उन्हें पलावेरकाडु इलाके में हो रहे समुद्री कटाव का भी निरीक्षण करने की अपील की। हालांकि वो नाव में चढ़ कर थोड़ी दूर पहुंचे लेकिन जूता भींगने के डर से पानी में उतरकर कटाव ग्रस्त इलाके में जाने से मना कर दिया। जिसके बाद वहां मौजूद मछुआरों ने मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन को गोद में उठा लिया और उन्हें इलाके तक ले गए।
#WATCH | Fishermen carry Tamil Nadu Minister Anitha Radhakrishnan on shoulders after he refuses to step into the water during an inspection at Thiruvallur district where fishermen had complained of erosion. pic.twitter.com/55R7PTpk1j
— ANI (@ANI) July 8, 2021
इस दौरान वहां मौजूद किसी शख्स ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि 3-4 लोग मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन को गोद में उठाकर ले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद राधाकृष्णन की खूब फजीहत हो रही है। कई लोगों ने तमिलनाडु सरकार के मंत्री के वायरल वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया दी और आलोचना की।
ट्विटर हैंडल @abnshumanity ने लिखा कि लोग इन्हें चुने, लोग इन्हें लाए और अब लोग इन्हें उठाए भी। ये मंत्री या प्रधानमंत्री बनकर क्या करते हैं, कुछ नहीं। वहीं ट्विटर हैंडल @ChoudharyLove3 ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि जनता कितना प्यार करती है और सम्मान देती है लेकिन बदले में ये क्या देते हैं। इसके अलावा सुमित सिंह राजावत नाम के एक यूजर ने लिखा कि ये इंडिया है और यहां नेता अपने आप को भगवान समझते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया पर फजीहत होने के बाद मंत्री राधाकृष्णन ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी को ले जाने के लिए नहीं कहा था बल्कि मछुआरों ने उन्हें अपनी इच्छा से उठाया था। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी कई बार खुले मंच से वीआईपी कल्चर ख़त्म करने की अपील कर चुके हैं। वीआईपी कल्चर ख़त्म करने के मकसद से उन्होंने गाड़ियों पर लगने वाले लाल-पीली बत्ती को भी हटा दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। इसलिए इससे बचा जाना चाहिए।