FIR Against Nirmala Sitharaman: बेंगलुरु की एक स्पेशल कोर्ट ने 27 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। वित्त मंत्री पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है। स्पेशल कोर्ट के आदेश के बाद बेंगलुरु पुलिस ने धारा 384 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। जनाधिकार संघर्ष परिषद के आदर्श आर अय्यर की शिकायत में कर्नाटक बीजेपी प्रमुख और बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र और पार्टी नेता नलिन कुमार कटील का भी नाम शामिल है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने चुनावी बांड की आड़ में जबरन वसूली की और 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा उठाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीतारमण ने ईडी अधिकारियों के जरिये राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के फायदों के लिए हजारों करोड़ रुपये की जबरन वसूली की।

शिकायत में क्या कहा गया

इस शिकायत में कहा गया कि चुनावी बांड की आड़ में पूरा जबरन वसूली का रैकेट अलग-अलग लेवल पर बीजेपी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा है। लोकसभा इलेक्शन से कुछ टाइम पहले ही फरवरी के महीने में सु्प्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार की 2018 इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने इसको असंवैधानिक, मनमाना और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया था। बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम शुरू की थी औऱ इसका मकसद राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले नकद दान की जगह लेना था, ताकि राजनीतिक फंडिम में पारदर्शिता बनी रहे। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये सियासी पार्टियों को फंड दिया जाता था लेकिन इसको सार्वजनिक नहीं किया जाता था।

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कर्नाटक के सीएम ने मांगा इस्तीफा

इस मामले पर अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘जनप्रतिनिधियों की अदालत ने चुनावी बॉन्ड घोटाले के संबंध में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है। कर्नाटक बीजेपी के नेता उनके इस्तीफे के लिए विरोध और मार्च कब करेंगे। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस्तीफा देना होगा। कुमारस्वामी, जो जमानत पर हैं, उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिए।’