लोग बैंकों में पैसा जमा करते हैं तो अक्सर ध्यान रखते हैं कि अब उनके बैंक में कितनी राशि बढ़ गई होगी या कितना इसका ब्याज आया होगा। लेकिन अब एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। बता दें कि सरकारी बैंकों में पिछले 10 साल में 78 हजार करोड़ रुपये बिना दावे के पड़े हैं। इसमें से 45 हजार करोड़ रुपये विशेष फंड में भेज दिए गए हैं। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में दी।
वित्त मंत्रालय ने दी आंकड़ों के साथ जानकारी
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकारी बैंकों ने 2019-20 से 2024-25 के बीच 45,706 करोड़ रुपये की राशि को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर कर दी है। यह राशि बिना दावे के बैंकों में पड़ी हुई थी। बता दें कि ऐसे बचत और चालू खाते जिनमें 10 साल तक कोई लेनदेन नहीं होता है या फिक्स्ड डिपॉजिट जो मैच्योरिटी के 10 साल बाद भी भुनाई नहीं जाती है, उन्हें अनक्लेमड डिपॉजिट माना जाता है। इसके बाद ऐसी राशि को बैंक द्वारा डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड रिजर्व बैंक द्वारा संचालित होता है। रिपोर्ट के मुताबिक एक आकलन के मुताबिक बैंकों में करीब 78 हजार करोड़ रुपये बिना दावे के पड़े हैं।
बता दें कि डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम 2014 में लॉन्च की गई थी। हालांकि अच्छी बात यह है कि इस फंड में ट्रांसफर की गई रकम ग्राहक वापस हासिल कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें डिपॉजिट के कागज या फिर कानूनी उत्तराधिकार संबंधित कागज बैंकों में दिखाने होंगे और उसके बाद वह दावा की गई राशि को हासिल कर सकते हैं।
RBI के पोर्टल के माध्यम से वापस पा सकते रकम
जो लोग अपनी राशि को वापस हासिल करना चाहते हैं, उनके लिए आरबीआई ने पोर्टल भी लॉन्च किया है। आरबीआई ने पिछले साल ही अनक्लेमड डिपॉजिट गेटवे टू एक्सेस इनफॉरमेशन पोर्टल लॉन्च किया था। यह पोर्टल कई बैंकों में अनक्लेमड राशि और उसके खातों की जानकारी खोजने की सुविधा देता है। वर्तमान में 30 बैंक इस पोर्टल से जुड़ गए हैं। अगर आपकी भी राशि पड़ी हो तो आप इस पोर्टल के माध्यम से भी जमा राशि हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा पोर्टल के माध्यम से अन्य बैंकों को भी जोड़ने की प्रक्रिया जारी है।