निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद एक ऐसा फैसला लिया, जिसकी वजह से बहुत सारे पत्रकार खासे नाराज थे। उन्होंने मंत्रालय में पत्रकारों की एंट्री पर कुछ बंदिशें लगा दीं। इसके तहत, अब मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी अपॉइंटमेंट लेकर मंत्रालय आना होता है। इसके बाद से पत्रकार इन बंदिशों को हटाने की मांग करते रहे हैं।

शुक्रवार को पत्रकारों को एक मौका मिला, जब वे सीतारण को राजी करके इन बंदिशों को खत्म करवा सकते थे। भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कुछ बड़े ऐलान करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म करके जा रहीं सीतारमण से पत्रकारों ने इस बारे में बात की। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम डेल्ही कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, सीतारमण बंदिशें खत्म करने के लिए राजी नहीं हुईं। उन्होंने वरिष्ठ पीआईबी अधिकारियों से मजाक में पूछा कि क्या अफसर उनका ‘घेराव’ करवाना चाहते हैं?

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा पत्रकारों की एंट्री पर लगी इन बंदिशों को अभूतपूर्व माना जा रहा है। हालांकि, फैसले पर बवाल के बाद निर्मला के दफ्तर ने इस मामले पर सफाई भी जारी की थी। कहा गया कि मंत्रालय के भीतर मीडियाकर्मियों की एंट्री के संबंध में एक प्रक्रिया तय की गई है और पत्रकारों के प्रवेश पर किसी तरह का ‘बैन’नहीं है।

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बता दें कि अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय के अलावा जांच एजेंसियों और रेगुलेटरी बॉडीज के दफ्तरों में एंट्री से पहले अपॉइंटमेंट लेने की व्यवस्था थी। वित्त मंत्रालय में भी बजट के वक्त एक निश्चित समयावधि के लिए ही पत्रकारों की एंट्री पर रोक होती थी।