कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाली 17 वर्षीय वनिशा पाठक की मदद के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगे आई हैं। बता दें कि वनिशा पाठक भोपाल की टॉपर हैं। कोविड के चलते वो अनाथ हो गई थी। ऐसे में उनके पिता द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। वहीं जब इसकी जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को हुई तो उन्होंने हस्तक्षेप किया और अधिकारियों को इस मामले को देखने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि वनिशा पाठक भोपाल में कक्षा 10 की बोर्ड टॉपर थीं। उनके माता-पिता द्वारा एलआईसी से लिए गये होम लोन को चुकाने के लिए उन्हें नोटिस पर नोटिस मिल रही है। लोन नहीं चुकाने पर वनिशा से कानूनी कार्रवाई का सामना करने की बात कही जा रही है। बता दें कि वनिशा के पिता जीतेंद्र पाठक एलआईसी एजेंट थे और उन्होंने ऑफिस से कर्ज लिया था।

चूंकि वनिशा नाबालिग है, इसलिए एलआईसी ने उनकी सारी बचत और हर महीने मिलने वाले कमीशन को रोक दिया है। वनिशा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह नाबालिग है, ऐसे में उसने कई बार अधिकारियों को लोन के पैसे चुकाने के लिए और समय देने की मांग की। लेकिन उसकी इस मांग पर कोई जवाब नहीं आया।

वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब स्थानीय LIC कार्यालय से संपर्क किया तो पता चला कि उसके आवेदन को केंद्रीय कार्यालय भेज दिया गया है। बता दें कि वनिशा को 29 लाख रुपये चुकाने के लिए लिए नोटिस मिला है। उसे आखिरी कानूनी नोटिस 2 फरवरी, 2022 को मिला था। जिसमें कहा गया था कि या तो पैसे चुकाओ, नहीं तो कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहो।

इस खबर को ट्विटर शेयर करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस और एलआईसी इंडिया को टैग कर मामले की ताजा स्थिति की जानकारी मांगी है। वहीं सोशल मीडिया पर कई यूजर्स अनाथ वनिशा और उसके छोटे भाई की मदद करने की अपील कर रहे हैं। इस मामले में वित्त मंत्री के दखल के बाद उम्मीद है कि वनिशा को लोन अधिकारियों से कुछ राहत मिल सकती है।

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2021 में आई कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान वनिशा पाठक के माता-पिता की मृत्यु हो गई थी।