पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें डर है कि उन्हें टैप और ट्रैक किया जा रहा है। राज्यपाल ने राजभवन में जैमर लगाने सहित अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली के लिए अनुरोध किया है। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि क्षेत्र की डी-बगिंग की जा रही है। अनुरोध किया गया है कि राजभवन की पहली मंजिल से जहां आवासीय क्वार्टर और दूसरे ऑफिस हैं कोलकाता पुलिस कर्मियों को हटाया जाए और उनकी जगह सीआरपीएफ से लिए गए अपने निजी सुरक्षा गार्डों को तैनात किया जाए। राज्यपाल चाहते हैं कि कोलकाता पुलिस केवल राजभवन के ग्राउंड फ्लोर पर रहे। उन्होंने कहा, “पिछले राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान कोलकाता पुलिस के जवान केवल राजभवन के ग्राउंड फ्लोर तक ही सीमित थे, राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों में लगातार फेरबदल किया जाना चाहिए।”

राज्यपाल की सिफ़ारिश के बाद क्या हुआ है?

जनवरी में राज्यपाल सीवी आनंद बोस को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जेड-प्लस सुरक्षा दी गई थी जो उन्हें केंद्रीय बलों से ली गई व्यक्तिगत सुरक्षा देती है। राज्यपाल की सिफारिश के मद्देनजर कोलकाता पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ एक संयुक्त सुरक्षा बैठक की और भवन की पहली मंजिल पर राज्यपाल के कार्यालय और पुस्तकालय के बाहर अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी अपने दो अधिकारियों को तैनात करने का निर्णय लिया है। फिलहाल राजभवन में लगभग 60 कोलकाता पुलिस कर्मी तैनात हैं।

सीएम ममता बनर्जी के साथ रहा है विवाद

राज्यपाल सीवी आनंद बोस और ममता बनर्जी के बीच विवाद रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर हमला करते हुए आरोप लगाया था कि वह राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोक रहे हैं। जिसके बाद दोनों के बीच काफी तनातनी देखी गई थी। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया था कि राज्यपाल राज्य में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप करना जारी रखेंगे तो हम फंड रोक देंगे।