दिल्ली-चंडीगढ़ समेत देश के पांच राज्यों में राजमार्ग पर वाहनों द्वारा सबसे अधिक टोल के वार्षिक पास का प्रयोग किया जा रहा है। वार्षिक पास प्रयोग करने वाले राज्यों में पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और दिल्ली शामिल हैं। केवल 28 दिन के अंदर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने ऐसे 16 लाख वार्षिक पास जारी किए हैं। इन वार्षिक पास में से 14 फीसद पास चार पहिया निजी वाहनों (कार) को जारी किए जा चुके हैं। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने 15 अगस्त 2025 को इस सेवा की शुरुआत की थी।
एनएचएआइ के मुताबिक, देश के टोल मार्ग के लिए जारी किए इन कुल वार्षिक पास के माध्यम से कुल 1.30 करोड़ रुपए का लेन देन किया जा चुका है। केंद्र सरकार ने टोल मार्ग का अधिक प्रयोग करने वाले वाहन चालकों को बार- बार नवीनीकरण की प्रक्रिया से बचाने के लिए इस वार्षिक पास की शुरुआत की थी। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस सेवा की शुरुआत की थी। मंत्रालय के मुताबिक, पहले दिन से ही यह सुविधा वाहन चालकों को पसंद आ रही है। 15 अगस्त को घोषित हुई इस योजना के बाद पहले ही दिन शाम 7 बजे तक, लगभग 1.4 लाख उपयोगकर्ताओं ने ये वार्षिक पास खरीदे और जिन्हें एनएचएआइ ने सक्रिय कर दिया था। 15 अगस्त को टोल प्लाजा पर लगभग 1.39 लाख लेन-देन दर्ज किए गए थे।
राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 3000 रुपये एकमुश्त शुल्क
राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने वालों के लिए फास्टैग वार्षिक पास एक साल की वैधता या 200 टोल प्लाजा के लिए 3,000 रुपए के एकमुश्त शुल्क तय किया गया था। इस फास्टैग को बार-बार नवीनीकरण (रिचार्ज) करने की आवश्यकता नहीं होती। यह फास्टैग वार्षिक पास सभी गैर-वाणिज्यिक वाहनों के लिए लागू है, जिनके पास एक वैध फास्टैग है और यह राजमार्ग यात्रा ऐप या एनएचएआइ वेबसाइट के माध्यम से एकमुश्त शुल्क का भुगतान करने के दो घंटे के भीतर सक्रिय हो जाता है।
यह सुविधा राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर लगभग 1,150 टोल प्लाजा पर उपलब्ध है। इस सुविधा लाभ उठा रहे वाहन चालक बताते हैं कि गाड़ी के पुराने फास्टैग पर ही इस वार्षिक पास की सुविधा मिल जाती है और जो पैसा फास्टैग में उपलब्ध होता है। वह पैसा प्रयोग में जुड़ जाता है। मंत्रालय का दावा है कि इसकी मदद से न केवल फास्टैग उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाएगी, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर यात्राओं को और भी किफायती और सहज बनाएगी।
फास्टैग के पास लगभग 98 फीसद वाहनों का आंकड़ा है और 8 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ फास्टैग ने एक बड़ा इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन सिस्टम है। सरकार ने पास उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए 1033 राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन को 100 से अधिक कर्मियों को जोड़कर और भी मजबूत किया गया है।