दिल्ली से सटी सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। इस आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं। राकेश टिकैत को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक नंद किशोर गुर्जर ने विवादित बयान दिया है। ‘एनडीटीवी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी विधायक का कहना है कि राकेश टिकैत उनसे बड़े किसान नहीं हैं और वे 2000 रुपये के लिए कहीं भी चले जाते हैं।

बीजेपी नेता ने कहा, “मैं खुद एक किसान हूं। राकेश टिकैत मुझसे बड़े किसान नहीं हैं। मेरे पास किसानी के लिए जितनी जमीन है, राकेश टिकैत के पास उसकी आधी जमीन भी नहीं होगी। राकेश टिकैत को माफी मांगनी चाहिए। आप देश में वो किसानों को नहीं बांट सकते। इतिहास उन्हें याद रखेगा।” नंद किशोर गुर्जर कहा कि ये कोई किसान आंदोलन नहीं है यह एक राजनीतिक एजेंडा है।

नंद किशोर गुर्जर ने आगे कहा, “मैं टिकैत के परिवार का सम्मान करता हूं, लेकिन लोग राकेश टिकैत के बारे में कहते थे कि वह 2,000 के लिए कहीं भी जाएगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। आप आंदोलन कहां ले जा रहे हैं? कल आप कहेंगे कि आतंकवादी आपके पास आए हैं?” उन्होंने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देना अच्छी बात नहीं है।

बीजेपी विधायक कहा, कौन कहता है कि यह किसानों का विरोध है। आप लोग वहां जाकर देखिए, एक राजनीतिक दल के चार लोग वहां बैठे हैं। क्या यह किसानों का विरोध है? आज, केवल राजनीतिक कार्यकर्ता वहां बैठे हैं… वे किसान हो सकते हैं, वे मजदूर हो सकते हैं।

बता दें हरियाणा के जींद में बुधवार को किसानों की ”महापंचायत” में भारी भीड़ जुटी। ऐसी बैठकें पिछले कुछ दिनों में यूपी में हुई थी जबकि बुधवार को हरियाणा के जींद में बैठक हुई। बड़ी संख्‍या में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी भरे लहजे में केंद्र सरकार से कहा कि यदि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो उसके लिए सत्‍ता में बने रहना मुश्किल हो जाएगा।


टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी के अलावा किसान मानने वाला नहीं है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘‘ अभी तो किसानों ने सिर्फ कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो उनका क्या होगा? इस बात को सरकार को भलिभांति सोच लेना चाहिए।”