नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन लगातार 18वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने आंदोलन की आगे की रूपरेखा को लेकर रविवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सभी किसान यूनियनों के प्रमुख सोमवार को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल करेंगे। चढूनी ने कहा कि सरकार तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए साजिश रच रही है। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम लोगों का आंदोलन सही दिशा में जा रहा है। दूसरी तरफ, किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है, हम तीनों कृषि कानूनों का निरस्तीकरण चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में शामिल सभी किसान यूनियन एकजुट हैं। कक्का ने आगे कहा कि सरकारी एजेंसियां किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोक रही हैं, हमारी मांगें पूरी होने तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, किसान नेता संदीप गिद्दू ने कहा कि 19 दिसंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन भूख हडताल रद्द की गई, इसके बजाय सोमवार को यह एक दिवसीय हड़ताल रहेगी।
दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों के समर्थन में भूख हड़ताल करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि किसानों की अपील पर कल मैं भी किसानों के साथ एक दिन का उपवास रखूंगा। सीएम ने कहा कि मैं सभी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील करता हूं कि वो भी किसानों की मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखें।
केजरीवाल ने कहा कि मैं देश के सभी लोगों से अपील करता हूं, जो किसानों के साथ दिल से जुड़े हैं… उनके लिए एक दिन का उपवास रखिए। साथ ही किसानों की मांगों के समर्थन में प्रार्थना करें।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के मंत्रियों के उन बयानों का जिक्र किया जिसमें कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को देशद्रोही बताया गया था।