कड़कड़ाती ठंड में किसानों का आंदोलन जारी है। सोमवार (05-01-2020) को किसान संगठनों की सरकार के साथ बैठक बेनतीजा रही। केंद्र सरकार के कृषि कानून पर किसान और सरकार के बीच 7वें दौर की मीटिंग में एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली है, जो अब तक की 6 बैठकों में कभी भी नहीं दिखी। दरअसल अपनी मांगों को लेकर सरकार से संघर्ष कर रहे 70 किसानों की प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई है जिन्हें सरकार ने पहली बार खड़े होकर श्रद्धांजलि दी है। 7वें दौर की मीटिंग शुरू होने से पहले केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसानों ने उन किसानों को श्रद्धांजलि पेश करते हुए 2 मिनट का मौन रखा जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाई। कहा जा रहा है कि सरकार इस तरह के कदमों से किसानों का विश्वास जीतना चाहती है।
इस बैठक के बाद कीर्ति किसान यूनियन के सचिव राजेंद्र सिंह ने कहा कि ‘कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत बैठक में मौजूद सभी लोगों ने 70 किसानों की मौत हो जाने के शोक में 2 मिनट का मौन रखा। बैठक के दौरान सरकार हमसे क्लाउज-वाइज बातचीत करना चाहती थी लेकिन हमने साफ कर दिया कि अपील नहीं, दलील नहीं सिर्फ रिपील चाहिए। सरकार ने हमसे कहा कि वो 10 कदम आगे बढ़ रही है और हमें भी थोड़ा आगे बढ़ना चाहिए लेकिन हमने इससे साफ इनकार कर दिया।’
पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुल्डू सिंह मानसा ने कहा कि ‘हालांकि बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। लेकिन हमने यह जरुर देखा की सरकार का रूख नरम था। हम अगली बैठक में उनसे कहेंगे कि सिर्फ कानूनों को हटाने को लेकर ही बातचीत करें। हमें उम्मीद है कि सरकार भी सिर्फ इसी दिशा में बातचीत करेगी।’
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि ‘कृषि मंत्री ने हमसे कहा कि ज़्यादातर यूनियन नए क़ानूनों से खुश हैं। हमने उनसे कहा कि उनलोगों से हमारी एक बैठक करा दीजिए। इसके बाद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऑल इंडिया किसान सभा के सचिव हन्ना मोल्लाह ने कहा कि ‘हमने सरकार से कह दिया है कि कानून वापस लेने के अलावा और किसी मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी। एमएसपी के मुद्दे को हम आगे देखेंगे।’

