किसानों का आंदोलन लगातार 20वें दिन जारी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दूसरे दिन भी गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात करके हल निकालने की कोशिश की। उन्होंने किसानों से और बात कर ने का आग्रह किया है। सूत्रों का कहना है कि कुछ किसान यूनियन के साथ सरकार ने गुपचुप बात की है। जानकारी के मुताबिक 32 के ग्रुप में यह बातचीत की गई है।
एक सूत्र ने बताया, ‘कुछ किसान नेता इस बात को समझते हैं कि बीच का रास्ता निकालना जरूरी है। कई किसान अपनी मांगों को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते और अड़े हुए हैं लेकिन बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है।’ FICCI के एक कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही हालिया सुधार किए गए हैं। फिर भी हम अपने किसान भाइयों की बत सुनने को तैयार हैं और उनकी आशंकाओं पर आश्वासन देने को तैयार हैं। हमारी सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार रहती है।’
कृषि क्षेत्र को सभी क्षेत्रों की जनन बताते हुए सिंह ने कहा, ‘हमारा उत्पादन पर्याप्त है और किसानों की मेहनत से गोदाम भर गए हैं। हम लोग कभी कृषि क्षेत्र के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकते हैं।’ वहीं कृषि मंत्री नरेंद्रि सिहं तोमर ने कहा, ‘अगर प्रस्ताव आता है तो सरकार फिर से किसानों के साथ बात करने को तैयार है।’ किसान यूनियन की मांग है कि एमएसपी को कानून के दायरे में लाया जाए।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने कहा, ‘एमएसपी को किसी कानूनी सपोर्ट की जरूरत नहीं है। यह सरकारी व्यवस्था का हिस्सा है। इसे किसी कानूनी दायरे में लाने की जरूरत नहीं है।’ वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ऑल इंडिया किसान कोऑर्डिनेश कमिटी, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और बिहार के साथ बैठक की। उन्होंने कहा, ‘इन किसानों ने किसान कानून के समर्थन में पत्र दिया है।’
अकाली दल किसान कानूनों का जमकर विरोध कर रहा है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बीजेपी सरकार देश को खतरनाक तरीके से नीचे ले जा रही है और तानाशाही रवैया अपना रही है। कुछ हाथों में ही सत्ता की ताकत सिमटकर रह गई है। उन्होंने कहा कि देश की क्षेत्रीय पार्टियां एक होकर ही सुधार कर सकती हैं।